आसान नहीं था पायलट बनने का सफर
स्वीगल कहती हैं कि महिला फाइटर पायलट बनने का यह सफर उनके लिए कभी आसान नहीं रहा। टी-45 सी गोशावक जेट ट्रेनर उड़ाने से पहले वे कभी किसी लड़ाकू विमान में बैठीं तक नहीं थीं। स्वीगल ने इसे महिलाओं की क्षमता पर संदेह करने वालों को गलत साबित करने के लिए चुनौती केरूप में स्वीकार किया और कदम दर कदम कामयाबी की सीढिय़ां चढ़ती चली गईं। 2017 में अमरीकी नौसेना अकादमी से स्नातक करने के बाद स्वीगल ने किंग्सविले, टेक्सास में प्रशिक्षण स्क्वाड्रन 21 के रेडहॉक के तहत प्रशिक्षण लिया। स्वीगल को उम्मीद है कि उनकी यह सफलता उनके जैसी अन्य महिलाओं को भी आगे आने के लिए प्रेरित करेगी।
स्वीगल कहती हैं कि महिला फाइटर पायलट बनने का यह सफर उनके लिए कभी आसान नहीं रहा। टी-45 सी गोशावक जेट ट्रेनर उड़ाने से पहले वे कभी किसी लड़ाकू विमान में बैठीं तक नहीं थीं। स्वीगल ने इसे महिलाओं की क्षमता पर संदेह करने वालों को गलत साबित करने के लिए चुनौती केरूप में स्वीकार किया और कदम दर कदम कामयाबी की सीढिय़ां चढ़ती चली गईं। 2017 में अमरीकी नौसेना अकादमी से स्नातक करने के बाद स्वीगल ने किंग्सविले, टेक्सास में प्रशिक्षण स्क्वाड्रन 21 के रेडहॉक के तहत प्रशिक्षण लिया। स्वीगल को उम्मीद है कि उनकी यह सफलता उनके जैसी अन्य महिलाओं को भी आगे आने के लिए प्रेरित करेगी।