मौसम बदलने के साथ परागकणों के हवा में फैल जाने से होने वाली विभिन्न एलर्जी के बारे में उनकी खोज ने उन्हें चिकित्सा जगत में ऊंचा दर्जा दिलाया। उन्होंने ऐसी प्रणली विकसित की जो इन परागकणों से होने वाली एलर्जी को समझने में मदद कर सके। इतना ही नहीं उन्होंने समाचार पत्रों को मौसम का पूर्वानुमान प्रकाशित करने के साथ ही परागकणों के प्रसार के बारे में भी छापने को कहा।
डॉ. बिल कहते हैं कि समय के साथ मानसिक क्षमताओं में गिरावट आमतौर पर उम्र बढऩे की आशंका का एक पहलू है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह अपरिहार्य है। दिमाग को सक्रिय रखना और जीवन में लंबे समय तक काम करते रहने से वास्तव में मस्तिष्क की नई कोशिकाओं और तंत्रिका संबंधी बीमारियों को दूर रखता है। अच्छी और लंबी जिंदगी का राज बताते हुए वे कहते हैं कि सक्रिय रहें, धूम्रपान न करें, भूख से ज्यादा खाना न खाएं और रोज थोड़ा ही सही लेकिन व्यायाम करें। सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और भावानात्मक रूप से जो कुछ भी आपके आस-पास घटित हो रहा हो उसका हिस्सा बनिए।