बीते दो दशकों से वन्य जीव-जंतुओं के पुनर्वास में जुटीं 43 वर्षीय आलिया कश्मीर की एकमात्र महिला वन्यजीव बचावकर्ता हैं। वे 2002 से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। यूं तो उन्हें बचपन से जीव-जंतुओं के बारे में जिज्ञासा थी लेकिन जीवनसाथी के रूप में एक पशु चिकित्सक से शादी के बाद उन्होंने वन्यजीवों को बचाने में ही अपना कॅरियर तलाशना शुरू कर दिया। वे अब तक सांपों, भालू, पक्षियों, कछुओं और तेंदुओं जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों को बचा चुकी हैं। उन्हें क्षेत्र के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के सरकारी आवासों से जहरीले सांपों को बचाने के लिए भी जाना जाता है। इस काम में मौजूद जोखिम और खतरों केे बावजूद आलिया को अपने पेशे से प्यार है।