आहार और प्रजनन
बत्तख अपने भोजन की व्यवस्था आसपास के परिवेश से खुद ही कर लेते हैं। इसमें वानस्पतिक एवं कीडों को भोजन बनाते हैं। प्रजनन के लिए बत्तखों को पानी की आवश्यकता अनिवार्य है। १० मादा बत्तखों के प्रजनन के लिए एक नर पर्याप्त होता है। सामान्यत: बत्तखों को अंडे हैच करने में 28 दिन लगते हैं। यह चार पांच माह की उम्र से प्रारंभ कर दो से तीन वर्ष तक लगातार अंडे देती हैं। इनके नए चूजों को अलग रखकर नए समूह बनाते रहना चाहिए।
बत्तख अपने भोजन की व्यवस्था आसपास के परिवेश से खुद ही कर लेते हैं। इसमें वानस्पतिक एवं कीडों को भोजन बनाते हैं। प्रजनन के लिए बत्तखों को पानी की आवश्यकता अनिवार्य है। १० मादा बत्तखों के प्रजनन के लिए एक नर पर्याप्त होता है। सामान्यत: बत्तखों को अंडे हैच करने में 28 दिन लगते हैं। यह चार पांच माह की उम्र से प्रारंभ कर दो से तीन वर्ष तक लगातार अंडे देती हैं। इनके नए चूजों को अलग रखकर नए समूह बनाते रहना चाहिए।
बिना तालाब के बत्तख पालन
बिना तालाब के भी बत्तख पालन किया जा सकता है। इसे पौंड लेस डक फार्मिंग कहते हैं। इसमें बत्तखों को किसी छप्पर या बगीचे के दड़बे में मुर्गीपालन की तर्ज पर पाला जा सकता है। गौरतलब है कि जलाशय के बिना बत्तख के दिए अंडों में गर्भाधान की क्षमता नहीं होती यानी अंडों का इस्तेमाल चूजा उत्पादन के लिए नहीं किया जा सकता।
बिना तालाब के भी बत्तख पालन किया जा सकता है। इसे पौंड लेस डक फार्मिंग कहते हैं। इसमें बत्तखों को किसी छप्पर या बगीचे के दड़बे में मुर्गीपालन की तर्ज पर पाला जा सकता है। गौरतलब है कि जलाशय के बिना बत्तख के दिए अंडों में गर्भाधान की क्षमता नहीं होती यानी अंडों का इस्तेमाल चूजा उत्पादन के लिए नहीं किया जा सकता।
बत्तख पालन के लाभ
बत्तखों की मृत्यु दर कम और शारीरिक वृद्धि दर अधिक होती है, जिससे ये कम समय व कम लागत में किसान को ज्यादा लाभ देती हैं। बत्तख का सफाई में बहुत योगदान होता है। मात्र 5-6 बत्तखें ही एक हेक्टेयर तालाब या आबादी के आसपास मच्छरों के लार्वा को खा जाती हैं। यह उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले होते हैं। इससे इनके रोग बचाव का खर्च भी कम होता है।
बत्तखों की मृत्यु दर कम और शारीरिक वृद्धि दर अधिक होती है, जिससे ये कम समय व कम लागत में किसान को ज्यादा लाभ देती हैं। बत्तख का सफाई में बहुत योगदान होता है। मात्र 5-6 बत्तखें ही एक हेक्टेयर तालाब या आबादी के आसपास मच्छरों के लार्वा को खा जाती हैं। यह उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले होते हैं। इससे इनके रोग बचाव का खर्च भी कम होता है।
एक वर्ष में 300 अंडे
बत्तख की खाकी कैंपबेल नस्ल एक वर्ष में 300 अंडे देती है। यह नस्ल सबसे अच्छी मानी जाती है।
बत्तखों को अंडे हैच करने में 28 दिन लगते हैं। चार माह की उम्र से तीन वर्ष तक लगातार अंडे देती हैं।
बत्तख की खाकी कैंपबेल नस्ल एक वर्ष में 300 अंडे देती है। यह नस्ल सबसे अच्छी मानी जाती है।
बत्तखों को अंडे हैच करने में 28 दिन लगते हैं। चार माह की उम्र से तीन वर्ष तक लगातार अंडे देती हैं।