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मोदी की वाराणसी का हाल:”बड़े घर बेटी ब्याही, अब मिलने को तरसे”

Published: Apr 08, 2015 09:57:00 am

घूमते आवारा पशुओं को देख कर एक बार तो यकीन नहीं होता कि यह पीएम का संसदीय क्षेत्र है

narendra modi

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हरेन्द्रसिंह बगवाड़ा
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के इस शहर में लगे कुछ पुराने होर्डिग्स को छोड़ दिया जाए तो यह कहना मुश्किल है कि वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई ताल्लुक है। देश की धाार्मिक राजधानी में सब कुछ पहले जैसा है। प्रधानमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र होने के कारण उम्मीद जगी थी कि अब काशी के दिन फिरने वाले हैं। साल भर होने को है। योजनाएं जरूर बन रही हैं पर वाराणसी की जनता को इंतजार है इन योजनाओं के कागजों से बाहर निकालने का।

काशी विश्वनाथ की पवित्र धरती पर माथा टेकने दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं। सीलन और बदबू भरी तंग गलियां, वाहनों की रेलमपेल, भीड़ भरे बाजार, घूमते आवारा पशुओं को देख कर एक बार तो यकीन नहीं होता कि यह पीएम का संसदीय क्षेत्र है। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार को खत्म करने की इतनी बातें हो चुकी है कि अब इस बारे में सोचना ही खुद को धोखा देने जैसा है।

घाटों की खूबसूरती पर ग्रहण
गंगा पर सैकड़ों घाट हैं जो काशी को अविस्मरणीय बनाती है। पर यहां फैली गंदगी खूबसूरत व कलात्मकता पर ग्रहण सा लगा देती है। अस्सी घाट प्रमुख घाट है जिसका संचालन सरकार के हाथों में है। काशी सुबह यहां सिमट आती है। हाल में अंबानी दंपती ने आलीशान दावत दी थी। इसमें मोदी शरीक हुए। इस घाट पर सीढियां नजर आई। कहा जा रहा है कि सैकड़ों वर्षो से ये मिट्टी और कचरे से ढकी हुई थीं। बड़े औद्योगिक घराने यहां सफाई अभियान चला रहे हैं।

5 रूपए दो और आगे बढ़ो
वाराणसी की मुख्य सड़कों पर यातायात जाम रहता है। कई संकरी गलियों में इकतरफा यातायात की व्यवस्था है। यह देख ताज्जुब हुआ कि ऑटो रिक्शा वाले को थोड़ा ज्यादा किराया देकर नो एंट्री क्षेत्र में जा सकते हैं। इनमें जाने के लिए ऑटो चालक पांच-पांच रूपए के सिक्के खास तौर पर रखते हैं। कोई पुलिस वाला रोकता है तो ऑटो वाला हाथ बढ़ा एक सिक्का थमा देता है। यह सिक्का नो एंट्री में आपके स्वागत की गारंटी है। मैने इस बारे में तहकीकात की तो पता चला कि मोदी के पीएम बनने के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई है। ट्रैफिक कंट्रोल के लिए पर्याप्त जाप्ता नहीं होने के कारण कुछ होमगाड्र्स लगाए हैं। जिसका सीधा सा अर्थ है ज्यादा सुरक्षाकर्मी तो ज्यादा रोकटोक।

राज सपा का, आस मोदी से
एक बात और मुझे यहां खास लगी। उत्तर प्रदेश में भले राज समाजवादी पार्टी का हो, लेकिन जनता को उम्मीदें हैं तो मोदी से। कई ऎसे लोग मिले जो सड़क की मरम्मत और सफाई नहीं होने से मोदी से खफा दिखे। युवकों के एक समूह ने काशी की समस्याओं को लेकर एक किमी लंबा ज्ञापन तैयार किया। कई लोग अपनी शिकायत और सुझाव लेकर मोदी से मिलना चाहते हैं, पर क्या वे उनसे मिल पाते हैं? इस का जवाब एक दूध बेचने वाले ने दिया। उसने कहा, “बड़े घरन कौ बेटी ब्याही, अब मिलन को ही तरसै।” हालांकि मोदी ने काशी में कर्यालय खोला है, जहां संपर्क किया जा सकता है। पीएम ने नौ वरिष्ठ कार्यकर्ता भी नियुक्त किए हैं जिन्हें लोग मोदी के नौ रत्न कहते हैं। 

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