scriptदुनियाभर में 7 करोड़ से ज्यादा लोग अपने ही देश में विस्थापित | More Than 71 Million People Internally Displaced Worldwide In 2022. | Patrika News

दुनियाभर में 7 करोड़ से ज्यादा लोग अपने ही देश में विस्थापित

locationजयपुरPublished: May 12, 2023 01:28:12 pm

Submitted by:

Kiran Kaur

आधे से ज्यादा विस्थापन प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए। आपदाएं जिन देशों में सर्वाधिक पलायन की वजह बनीं, उनमें पाकिस्तान, फिलीपींस, चीन, भारत और नाइजीरिया क्रमश: शीर्ष देश हैं।

दुनियाभर में 7 करोड़ से ज्यादा लोग अपने ही देश में विस्थापित

दुनियाभर में 7 करोड़ से ज्यादा लोग अपने ही देश में विस्थापित

जिनेवा। दुनियाभर में संघर्षों और प्राकृतिक आपदाओं से आंतरिक विस्थापित लोगों की संख्या पिछले साल 7.11 करोड़ के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह आंकड़ा 2021 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (आइडीएमसी) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में आई बाढ़ और यूक्रेन में युद्ध ने लोगों को आंतरिक विस्थापन यानी अपने ही देश के भीतर पलायन के लिए मजबूर कर दिया। आधे से ज्यादा विस्थापन प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए। आपदाएं जिन देशों में सर्वाधिक पलायन की वजह बनीं, उनमें पाकिस्तान, फिलीपींस, चीन, भारत और नाइजीरिया क्रमश: शीर्ष देश हैं।
बाढ़ ने बढ़ाया वैश्विक आपदा पलायन:

प्राकृतिक आपदाओं से 3.26 करोड़ लोग विस्थापित हुए। पिछले साल 98 फीसदी हुए पलायनों के पीछे बाढ़, तूफान और सूखा सबसे बड़े कारण थे। वैश्विक स्तर पर 10 में से छह आपदा विस्थापन, बाढ़ की वजह से हुए। 2022 में आपदा विस्थापन पिछले एक दशक के वार्षिक औसत से 41 फीसदी अधिक था। वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं से हुए पलायनों में से 25 फीसदी पाकिस्तान की बाढ़ के कारण हुए। आपदाओं में वृद्धि के लिए तीन साल से जारी ‘ला नीना’ मौसमीय पैटर्न को जिम्मेदार ठहराया गया, जिससे पाकिस्तान, नाइजीरिया और ब्राजील सहित कई देशों में बाढ़ से होने वाला पलायन रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह पैटर्न सोमालिया, इथियोपिया और केन्या में भी सबसे भयंकर सूखे की वजह बना।
यूक्रेन में युद्ध से करोड़ों लोग हुए विस्थापित:

संघर्ष और हिंसा के कारण पिछले साल 2.83 करोड़ लोगों को अपना घर छोडऩे के लिए विवश होना पड़ा। दुनियाभर में यह आंकड़ा वार्षिक औसत से तीन गुना अधिक है। संघर्ष विस्थापन की संख्या यूक्रेन, कांगो, इथियोपिया, म्यांमार और सोमालिया में सबसे ज्यादा रही। यूक्रेन में युद्ध ने 1.69 करोड़ लोगों को पलायन के लिए मजबूर किया, जो किसी भी देश के लिए अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। यूक्रेन के अलावा वैश्विक स्तर पर संघर्षों के कारण हुए विस्थापन का 32 प्रतिशत उप-सहारा अफ्रीका में दर्ज किया गया। संघर्ष, आपदाओं और विस्थापन ने वैश्विक खाद्य असुरक्षा को बढ़ावा दिया है, जिससे भुखमरी और कुपोषण को कम करने की दिशा में वर्षों से किए जा रहे प्रयास कमजोर हुए हैं।
जलवायु परिवर्तन और लंबे संघर्षों से बढ़ रहा संकट:

विस्थापन संकट व्यापक हुआ है और खाद्य असुरक्षा, जलवायु परिवर्तन व लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष इसमें वृद्धि कर रहे हैं। दुनिया के आंतरिक विस्थापित लोगों का लगभग तीन-चौथाई सिर्फ 10 देशों सीरिया, अफगानिस्तान, कांगो, यूक्रेन, कोलंबिया, इथियोपिया, यमन, नाइजीरिया, सोमालिया और सूडान में रहता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सूडान में जारी संघर्षं जैसे हालात आंतरिक विस्थापन के आंकड़ों में वृद्धि करेंगे। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अप्रेल में शुरू हुए संकट से सूडान में सात लाख से अधिक लोग पहले ही आंतरिक पलायन कर चुके हैं, जबकि लगभग डेढ़ लाख देश छोड़कर भाग गए हैं।
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