scriptसचिन तेंदुलकर ने इस उजाड़ गांव को गोद लेकर बनाया स्मार्ट  | MP Sachin tandulkar makes this adopted village more beautiful | Patrika News

सचिन तेंदुलकर ने इस उजाड़ गांव को गोद लेकर बनाया स्मार्ट 

Published: Aug 25, 2016 12:32:00 pm

सभी सांसदों में बेहतरीन उदाहरण पेश किया। आंध्रप्रदेश के इस गांव में अब 24 घंटे पानी-बिजली।

sachin village

sachin village

नेल्लोर. आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले का पुत्तम राजूरवरी कंदरिगा गांव अब किसी स्मार्ट सिटी से कम नहीं। सड़कें बन गई हैं। जगह-जगह टायल लगी है। 24 घंटे पानी और बिजली उपलब्ध है। पूर्व क्रिकेटर व सांसद सचिन तेंदुलकर ने इस गांव को गोद लेने के बाद इसकी सूरत बदल दी है।



सीवरेज सिस्टम तैयार करवाया

खास बात यह है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत अब तक जितने भी सांसदों ने देशभर में गांव गोद लिए हैं उनमें सचिन के प्रयास को सबसे सफल बताया जा रहा है। यहां 150 परिवार रहते हैं। अब से पहले यहां के हालात बेहद खराब थे। सड़कें कच्ची थीं। स्कूल और डिस्पेंसरी अच्छे हालत में नहीं थे। कंदरिगा के सरपंच बुज्जी नागेश्वर राव बताते हैं कि राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर ने अक्तूबर 2014 में इस गांव का दौरा किया था। अगले माह नवंबर में ही उन्होंने इसे गांव लिया और इसे स्मार्ट गांव बनाने के लिए 02 करोड़ 79 लाख रुपये की राशि तुरंत जारी की थी। दो करोड़ 90 लाख जिला प्रशासन की ओर से दिए गए। बहरहाल, गांव के लोगों का कहना है कि जब सचिन गांव आए थे तो वो सीवर के पानी को सड़क पर बहता देख दंग रह गए थे। इसके बाद उन्होंने सीवरेज सिस्टम तैयार करवाया। अब पानी निकासी की समस्या नहीं है।


स्कूल में बनवाए ई-टॉयलेट

सचिन तेंदुलकर ने स्कूल पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। यहां 32 छात्रों का एक मात्र स्कूल है। इसमें ई-टॉयलेट बनवाए गए हैं। यह देश में ऐसा पहला गांव बन गया है जहां इस तरह की आधुनिक व्यवस्था है। अहम बात यह है कि इस टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद टॉयलेट खुद से इसे साफ कर देता है। इससे खुले में शौच की समस्या से लोगों को निजात मिली है। लोगों को घर में शौचालय बनवाने के लिए आर्थिक मदद दी गई है। इसके अलावा स्कूल में मॉडर्न किचन और बड़े डाइनिंग हॉल की भी व्यवस्था की गई है। स्कूल की शिक्षिका एन मस्थानिया कहती हैं कि हम छात्रों को इसी डाइनिंग हाल में मिड-डे मील देते हैं। पहले बाहर खुले में बैठाकर खाना खिलाया जाता था।


गांव ने की हाईस्कूल की मांग

सरपंच राव के अनुसार, गांव में एक हजार लोगों की क्षमता वाला बड़ा सामुदायिक हॉल भी बना है। इसमें शादी से लेकर अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि गांव वाले हाईस्कूल चाहते हैं। फिलहाल स्कूल प्राइमरी तक होने के कारण छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए अन्य जिलों में जाना जाता है। उन्होंने सचिन तेंदुलकर से हाईस्कूल की मांग की है। लोगों का कहना है कि सामुदायिक हॉल को भी हाईस्कूल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हम अपने बच्चों को अपनी तरह मजदूर नहीं बनाना चाहते हैं। उधर, नेल्लोर के जिलाधिकारी एएमडी इमतियाज ने कहा कि रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। यहां के लोगों ने टेलरिंग शॉप खुलवाने की मांग की है। हम शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर फोकस कर रहे हैं।

अन्य सांसदों का उदासीन रवैया

सचिन की इस कामयाब कोशिश से अन्य सांसदों को सीख लेने की जरूरत है। करीब आधे से ज्यादा सांसद गांव गोद लेने के बाद वहां का दौरा तक करने नहीं गए। दिल्ली जैसे शहर में कई सांसदों ने गांव तो गोद लिए लेकिन वहां की स्थिति कुछ नहीं बदली। हालांकि सांसदों का कहना है कि उनके पास ज्यादा फंड नहीं। वहीं, केंद्र सरकार ने साफ किया है कि इस योजना में अलग से फंड नहीं दिया जाता। अन्य योजनाओं में से पैसा जुटाकर इस्तेमाल करना होता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो