गुब्बारे लगाएंगे जीवन का पता
इस प्रोजेक्ट के लिए नासा कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली के एमेस रिसर्च सेंटर के साथ कम कीमत के 34 गुब्बारे के प्रयोग के संचालन के लिए सहयोग करेगी। इन गुब्बारों को माइक्रोस्ट्रेट कहते हैं। ये धरती से परे जीवन की क्षमता का पता लगाएंगे। यह कदम एक अत्यंत अनोखे एवं व्यापक ग्रहण अवलोकन अभियान का हिस्सा है। इस अभियान का मकसद पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर जीवन के बारे में समझ बढ़ाने को लेकर है।
इस प्रोजेक्ट के लिए नासा कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली के एमेस रिसर्च सेंटर के साथ कम कीमत के 34 गुब्बारे के प्रयोग के संचालन के लिए सहयोग करेगी। इन गुब्बारों को माइक्रोस्ट्रेट कहते हैं। ये धरती से परे जीवन की क्षमता का पता लगाएंगे। यह कदम एक अत्यंत अनोखे एवं व्यापक ग्रहण अवलोकन अभियान का हिस्सा है। इस अभियान का मकसद पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर जीवन के बारे में समझ बढ़ाने को लेकर है।
ब्रह्मांड के अंदर होगा परीक्षण
इसके अलावा नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां जल्द ही एक परीक्षण करने जा रही हैं। यह परीक्षण किसी प्रयोगशाला में नहीं, बल्कि ब्रह्मांड के अंदर वास्तविक स्थितियों में किया जाएगा। अक्टूबर में एक छोटा एस्टरॉयड धरती के पास से गुजरने वाला है। इस क्षुद्रग्रह का परीक्षण कर वह यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि भविष्य में किन तरीकों और तकनीकों का इस्तेमाल कर धरती को खगोलीय पिंडों के खतरे से बचाया सकता है। नासा के वैज्ञानिक इसकी तैयारी बहुत पहले से कर रहे हैं। अगस्त में पूर्ण सूर्य लगेगा। वैज्ञानिकों और छात्रों की योजना है कि उसी दिन कम कीमत वाले गुब्बारे के सहयोग से इसका प्रयोग किया जाएगा। ताकि धरती से परे अन्य ग्रहों पर जीवन के अस्तित्व का संकेत मिले। अगर ऐसा होता है तो यह नासा के वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल हो जाएगा। साथ ही विज्ञान की दुनिया के लिए यह चौकाने वाला भी होगा।
इसके अलावा नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां जल्द ही एक परीक्षण करने जा रही हैं। यह परीक्षण किसी प्रयोगशाला में नहीं, बल्कि ब्रह्मांड के अंदर वास्तविक स्थितियों में किया जाएगा। अक्टूबर में एक छोटा एस्टरॉयड धरती के पास से गुजरने वाला है। इस क्षुद्रग्रह का परीक्षण कर वह यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि भविष्य में किन तरीकों और तकनीकों का इस्तेमाल कर धरती को खगोलीय पिंडों के खतरे से बचाया सकता है। नासा के वैज्ञानिक इसकी तैयारी बहुत पहले से कर रहे हैं। अगस्त में पूर्ण सूर्य लगेगा। वैज्ञानिकों और छात्रों की योजना है कि उसी दिन कम कीमत वाले गुब्बारे के सहयोग से इसका प्रयोग किया जाएगा। ताकि धरती से परे अन्य ग्रहों पर जीवन के अस्तित्व का संकेत मिले। अगर ऐसा होता है तो यह नासा के वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल हो जाएगा। साथ ही विज्ञान की दुनिया के लिए यह चौकाने वाला भी होगा।