scriptअंतरिक्ष में कैसा होगा जीवन, पृथ्वी पर कर रहे तैयारी | NASA scientists hunt for best ways we can live out there in the cosmos | Patrika News

अंतरिक्ष में कैसा होगा जीवन, पृथ्वी पर कर रहे तैयारी

locationजयपुरPublished: Oct 21, 2019 05:05:19 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

अंतरिक्ष में कैसा होगा जीवन, पृथ्वी पर कर रहे तैयारी
 
परग्रह पर जीवन कैसे शुरू किया जाए वैज्ञानिक इसकी तैयारी पृथ्वी पर ही कर रहे हैं। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा पृथ्वी पर ऐसी जगहों पर लगातार परीक्षण कर रही है जहां जीवन उतना ही जटिल है जितना किसी अन्य ग्रह पर।

अंतरिक्ष में कैसा होगा जीवन, पृथ्वी पर कर रहे तैयारी

अंतरिक्ष में कैसा होगा जीवन, पृथ्वी पर कर रहे तैयारी

क्या आप भी अंंतरिक्ष यात्रा करना चाहते हैं? खगोल वैज्ञानिक भी पृथ्वी से परे जीवन की तैयारी के लिए लगातार प्रयारस कर रहे हैं। लेकिन पृथ्वी की जीवन के अनुरूप परिस्थितियों के विपरीत किसी अन्य ग्रह जैसे मंगल या चांद पर जीने के लिए हमें कैसी तैयारी करनी होगी? क्या इसके लिए हमें अन्य ग्रह पर रहकर देखना होगा? तो जवाब है नहीं, परग्रह पर जीवन कैसे शुरू किया जाए वैज्ञानिक इसकी तैयारी पृथ्वी पर ही कर रहे हैं। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा पृथ्वी पर ऐसी जगहों पर लगातार परीक्षण कर रही है जहां जीवन उतना ही जटिल है जितना किसी अन्य ग्रह पर। अंतरिक्ष वाउतावरण से मिलते-जुलती परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में लंबे समय तक अंतरिक्ष यात्रा के लिए मनुष्यों को तैयार करने के प्रयास में दुनिया भर के अंतरिक्ष यात्री और वैज्ञानिक प्रयास में जुटे हुए हैं।

नासा का एनालॉग मिशन इसी परियोजना का हिस्सा है। इसमें वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्रा के दौरान ब्रह्मांड में फैली अंतरिक्ष विकिरण को समझने से लेकर विभिन्न गुरुत्वाकर्षण क्षेत्रों का सामना करने तक की तैयारी कर रहे हैं। वे मनुष्यों को अंतरिक्ष के समान ही कठोर परिस्थितियों का सामना करने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। यह प्रशिक्षण एक दिन अंतरिक्ष यात्रियों को लंबे मिशनों पर जाने में सक्षम बनाएगा।

14 एनालॉग मिशन पर काम कर रहा नासा
वर्तमान में नासा १४ एनालॉग मिशनों पर काम कर रहा है। न्यूयॉर्क के अप्टन में स्थित ब्रुकहावेन नेशनल लेबोरेटरी और अंटार्कटिका के मैकमर्डो प्रयोगशाला में अंतरिक्ष विकिरण के प्रभावों का अध्ययन करते हैं। टीम यहां अंतरिक्ष में ज्यादा दिन तक बिना जान गंवाए समय बिताने के तरीकों पर शोध कर रही है। टीम एक साथ परीक्षण कर यह पता लगा रही हैं कि अंतरिक्ष में लंबे मिशन के दौरान किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

हालांकि नासा के ज्यादातर एनालॉग मिशन जमीन पर ही होते हैं। लेकिन एजेंसी ने कुछ परीक्षण समुद्र तल पर भ्ज्ञी किए हैं। इसी साल जून में, नासा ने अटलांटिक महासागर में 10 दिवसीय परीक्षण के तहत गहरे ठंडे पानी में ग्रैविटी का गहन संचालन किया। एजेंसी ने अपने 23वें नासा एक्सट्रीम एनवायरनमेंट मिशन ऑपरेशंस (नीमो-23) के लिए अंतरिक्ष यात्रियों और समुद्री वैज्ञानिकों की पूरी महिला टीम को भी इस परीक्षण में शामिल किया है। महिला वैज्ञानिकों और स्पेस की यात्रा कर चुकीं इन महिलाओं की टीम ने समुद्र तल में एक लंबा समय बिताया और उन तरीकों पर परीक्षण किया जिनके सहारे अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की सतह पर आसानी से सुरक्षित उतारा जा सके।
इन एनालॉग मिशनों को पृथ्वी के कुछ सबसे जटिल और जीवन के लिए बेहद दुर्लभ एंव निर्जन स्थानों पर आजमाया जा रहा है। इसमें दुनिया के सबसे बड़े निर्जन द्वीप कनाडा के डेवोन द्वीप भी शामिल हैं जो आर्कटिक सर्कल में बाफिन बे पर स्थित है। यह बंजर, बेहद ठंडा और बहुत अलग-थलग क्षेत्र है। यह मंगल और अन्य ग्रहों के वातावरण के बिल्कुल अनुकूल लगता है। हर साल गर्मियों में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं का एक समूह यह परीक्षण करने के प्रयास में रहता है कि भविष्य के मिशन पर अंतरिक्ष यात्री मंगल का नक्शा कैसे बना सकते हैं।
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