नासा का एनालॉग मिशन इसी परियोजना का हिस्सा है। इसमें वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्रा के दौरान ब्रह्मांड में फैली अंतरिक्ष विकिरण को समझने से लेकर विभिन्न गुरुत्वाकर्षण क्षेत्रों का सामना करने तक की तैयारी कर रहे हैं। वे मनुष्यों को अंतरिक्ष के समान ही कठोर परिस्थितियों का सामना करने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। यह प्रशिक्षण एक दिन अंतरिक्ष यात्रियों को लंबे मिशनों पर जाने में सक्षम बनाएगा।
14 एनालॉग मिशन पर काम कर रहा नासा
वर्तमान में नासा १४ एनालॉग मिशनों पर काम कर रहा है। न्यूयॉर्क के अप्टन में स्थित ब्रुकहावेन नेशनल लेबोरेटरी और अंटार्कटिका के मैकमर्डो प्रयोगशाला में अंतरिक्ष विकिरण के प्रभावों का अध्ययन करते हैं। टीम यहां अंतरिक्ष में ज्यादा दिन तक बिना जान गंवाए समय बिताने के तरीकों पर शोध कर रही है। टीम एक साथ परीक्षण कर यह पता लगा रही हैं कि अंतरिक्ष में लंबे मिशन के दौरान किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि नासा के ज्यादातर एनालॉग मिशन जमीन पर ही होते हैं। लेकिन एजेंसी ने कुछ परीक्षण समुद्र तल पर भ्ज्ञी किए हैं। इसी साल जून में, नासा ने अटलांटिक महासागर में 10 दिवसीय परीक्षण के तहत गहरे ठंडे पानी में ग्रैविटी का गहन संचालन किया। एजेंसी ने अपने 23वें नासा एक्सट्रीम एनवायरनमेंट मिशन ऑपरेशंस (नीमो-23) के लिए अंतरिक्ष यात्रियों और समुद्री वैज्ञानिकों की पूरी महिला टीम को भी इस परीक्षण में शामिल किया है। महिला वैज्ञानिकों और स्पेस की यात्रा कर चुकीं इन महिलाओं की टीम ने समुद्र तल में एक लंबा समय बिताया और उन तरीकों पर परीक्षण किया जिनके सहारे अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की सतह पर आसानी से सुरक्षित उतारा जा सके।