राजधानी जयपुर के मंदिरों में नए विक्रमी संवत-2079 का घंटे घड़ियाल बजा कर स्वागत किया गया। नव संवत्सर पर मंदिरों में दिनभर विशेष आयोजन होंगे। लोगों ने सुबह देवदर्शन कर अपने दिन की शुरुआत की। वहीं घरों में पीले मीठे चावल बना कर संवत को भोग लगाया गया। चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को हिन्दू नववर्ष 2079 रेवती नक्षत्र, मीन लग्न व तीन राजयोग के शुभ योग में शुरू हुआ। इस बार संवत्सर का नाम नल है। वर्ष के राजा शनिदेव व मंत्री देव गुरु बृहस्पति देव है।
नव संवत के स्वागत में गोविंददेवजी मंदिर में गज पूजन किया गया। गोविंद देवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने विधि विधान से पंचांग, धर्म ध्वजा एवं गजराज का पूजन किया। इसके बाद विश्व शांति के लिए सफेद कबूतर उड़ाए गए। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।
उधर चांदपोल बाजार स्थित प्राचीन रामचंद्रजी मंदिर में महंत राधेश्याम तिवाड़ी के सान्निध्य में मंगला आरती के बाद ठाकुरजी का शृंगार किया गया। शाम को बैंड वादन के बीच ठाकुरजी को नव संवत का पंचांग सुनाया जाएगा। इसके साथ ही नौ दिवसीय रामजन्मोत्सव भी शुरू हो जाएगा।
नव संवत के स्वागत में गोविंददेवजी मंदिर में गज पूजन किया गया। गोविंद देवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने विधि विधान से पंचांग, धर्म ध्वजा एवं गजराज का पूजन किया। इसके बाद विश्व शांति के लिए सफेद कबूतर उड़ाए गए। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।
उधर चांदपोल बाजार स्थित प्राचीन रामचंद्रजी मंदिर में महंत राधेश्याम तिवाड़ी के सान्निध्य में मंगला आरती के बाद ठाकुरजी का शृंगार किया गया। शाम को बैंड वादन के बीच ठाकुरजी को नव संवत का पंचांग सुनाया जाएगा। इसके साथ ही नौ दिवसीय रामजन्मोत्सव भी शुरू हो जाएगा।