अप्रैल से ये कुल वेतन का 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकते हैं यानी अप्रैल से मूल वेतन को कुल वेतन का 50 फीसदी से ज्यादा रखना होगा। आइये जानते हैं अगर ऐसा होता है तो इसका हमारी जेब पर क्या असर पड़ेगा –
-देश भर में संचालित कंपनियों के वेतनमान व्यवस्था (पे स्ट्रक्चर) में बदलाव हो सकता है, क्यूंकि सैलरी में बिना अलाउंस वाला हिस्सा आमतौर पर कम ही ऐड होता है, जो कई बार तो 50 फीसदी से भी कम रहता है।
-हालांकि इस नियमावली के लागू होने के बाद कर्मचारी और कंपनी दोनों के पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन में बढ़ोत्तरी होना तय है।
-लेकिन इसका नुक्सान यह है की पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन में वृद्धि होने पर कर्मचारियों को इन हैंड मिलने वाली तनख़्वाह में कटौती हो सकती है।
– वहीँ सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली ग्रेच्युरिटी भी इसी अनुपात में बढ़ जाएगी यानी रिटायरमेंट तो बेहतर हो जाएगा लेकिन नौकरी करने के दौरान अपनी सैलरी के कुछ हिस्से का मोह त्यागना पड़ेगा। कारन यह है की ग्रेच्युटी का सारा हिसाब किताब आपकी बेसिक सैलरी के आधार पर होता है जो बढ़ेगी।
-अब जब पीएफ का हिस्सा बढ़ेगा ग्रेच्युटी ज्यादा देनी पड़ेगी तो इससे कंपनियों की कॉस्ट भी बढ़ेगी, इसलिए कंपनियां अपने सैलरी स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव करेंगे। इससे कंपनी की कॉस्ट के साथ कर्मचारी के हाथ में आने वाली सैलरी पर भी असर पड़ेगा।
वर्तमान में, अधिकतर प्राइवेट कंपनियां कुल CTC के बड़े हिस्से में गैर-भत्ते वाला हिस्सा कम और भत्ते वाला हिस्सा ज्यादा रखने को वरीयता देती है। हालांकि, नया नियम आ जाने के बाद से यह बदल जाएगा. संभावना है कि इन नियमों से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की सैलरी प्रभावित होगी क्योंकि आमतौर पर उन्हें ज्यादा भत्ता मिलता है। नए नियमों के मुताबिक, कंपनियों को 50 फीसदी बेसिक सैलरी की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए उनकी बेसिक सैलरी को बढ़ाना होगा। इन नियमों से भले ही टेक-होम सैलरी घट जाएगी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लोगों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा और रिटायरमेंट बेनेफिट्स मिलेंगे।
इन हैंड सैलरी में कटौती का मतलब है कि आपके घरेलू खर्च, लोन, SIP जैसे को रीस्टक्चर करना पड़ेगा। आमतौर पर सैलरी क्लास के लोगों का 40 फीसदी हिस्सा EMI चुकाने में चला जाता है। इसमें होम लोन, कार लोन जैसी EMI शामिल होती है। ऐसे में अगर नए वेतन नियमों के हिसाब से टेक होम सैलरी में कटौती होती है तो फिर मैनेज करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। नया वेतन नियम लागू होने के बाद आपकी जिंदगी में बड़ा प्रभाव पड़ेगा।