scriptटेरर फंडिंग से भी हैं DSP देविंदर सिंह का कनेक्शन? NIA करेगी जांच | NIA To Investigate DSP Devinder Singh Terror Funding Connection | Patrika News

टेरर फंडिंग से भी हैं DSP देविंदर सिंह का कनेक्शन? NIA करेगी जांच

locationजम्मूPublished: Feb 17, 2020 05:27:51 pm

Submitted by:

Prateek

अधिकारियों (NIA) ने कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि डीएसपी देविंदर (DSP Devinder Singh) को इस फंडिंग पैटर्न (DSP Devinder Singh Terror Funding Connection) की जानकारी नहीं है, क्योंकि वह…

टेरर फंडिंग से भी हैं DSP देविंदर सिंह का कनेक्शन? NIA करेगी जांच

टेरर फंडिंग से भी हैं DSP देविंदर सिंह का कनेक्शन? NIA करेगी जांच

(जम्मू): जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ पकड़े गए निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देविंदर सिंह मामले में जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) नियंत्रण रेखा के जरिए होने वाली टेरर फंडिंग की भी जांच करेंगी। इस सिलसिले में अभी कुछ और लोगों से पूछताछ की जाएगी। डीएसपी और हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी नवीद से भी पूछताछ की जा सकती है। इससे पहले नवीद ने बताया था कि कैसे उसके संगठन को फंडिंग मिलती है, और वह किस तरह से पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में रहता है।

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एनआईए ने 2016 में जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार से व्यापार के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बारामूला जिले के सलामाबाद और पुंछ जिले के चक्कां-दा-बाग में व्यापार सुविधा केंद्रों पर छापे भी मारे गए थे। इसके बावजूद पिछले चार वर्षों के दौरान जांच एजेंसी व्यापारियों से प्राप्त धन के अंतिम लाभार्थी को खोजने में असमर्थ रही। अधिकारियों ने कहा कि नवीद से पूछताछ के दौरान एजेंसी को एक महत्वपूर्ण सुराग मिला है। इस मामले में पूछताछ के लिए कुछ और लोगों को भी बुलाया जाएगा क्योंकि डीएसपी मामले में चल रही जांच से चार साल पुराना मामला फिर से चर्चा में आ गया है। हाल ही में पुलिस ने एलओसी व्यापार संगठन के अध्यक्ष तनवीर अहमद वानी को गिरफ्तार किया था।

 

भारत-पाकिस्तान के बीच विश्वास बहाली के लिए वर्ष 2008 में क्रॉस एलओसी ट्रेड शुरू हुआ था। हालांकि केंद्र सरकार ने अप्रैल 2019 में इस व्यापार रास्ते के जरिए पाकिस्तान द्वारा अवैध हथियारों, नशीले पदार्थों और फर्जी करेंसी की आपूर्ति का हवाला देते हुए व्पापार रोक दिया था। अधिकारियों ने कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि डीएसपी देविंदर को इस फंडिंग पैटर्न की जानकारी नहीं है, क्योंकि वह लंबे समय से नवीद बाबू के साथ जुड़ा हुआ था।

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