इस बार केवल 8 वीं तक …- पहले से संचालित स्कूलों में 12 वीं तक की कक्षाओं के बच्चे अध्ययनरत हैं, जबकि नए खुलने वाले स्कूलों में इस बार केवल 8 वीं तक की कक्षाएं शुरू होंगी, अगले वर्ष से ये ही बच्चे आगे की कक्षाओं में बढ़ते जाएंगे और कक्षाएं भी बढ़ती जाएंगी।- नौ नए खुलने वाले स्कूलों में फिलहाल चार स्कूलों को किराए के भवनों में चलाया जाएगा, तो चार ऐसे राजकीय भवनों में शिफ्ट किए जाएंगे, जहां पहले से अन्य स्कूल संचालित थे और बाद में दूसरे समीपस्थ स्कूलों में मर्ज कर दिया गया। जैसे-जैसे भवन व भूमि की व्यवस्था होती जाएगी, निजी में शुरू होने वाले स्कूलों को खुद का भवन मिल जाएगा।
—— यहां खुलेंगे नए स्कूल
– उदयपुर जिला- झाड़ोल, लसाडिय़ा, सलूम्बर व खेरवाड़ा – बांसवाड़ा- गढ़ी व बागीदौरा – प्रतापगढ़- धरियावद व अरनोद – डूंगरपुर- सागवाड़ा —— यहां पहले से संचालित हैं स्कूल:
– उदयपुर जिला- झाड़ोल, लसाडिय़ा, सलूम्बर व खेरवाड़ा – बांसवाड़ा- गढ़ी व बागीदौरा – प्रतापगढ़- धरियावद व अरनोद – डूंगरपुर- सागवाड़ा —— यहां पहले से संचालित हैं स्कूल:
उदयपुर- कोटड़ा, ऋषभदेव, सराड़ा व गोगुन्दा
अलवर- मल्लाणा व पाटन
बांसवाड़ा- सुन्द्राव, पाडोला, आंबापुरा, कुशलगढ़ बांरा- हनोतियां
डूंगरपुर- डूंगरपुर, पारड़ा चुण्डावत व सीमलवाड़ा जयपुर- बिहारीपुरा
करोली- रानोली
प्रतापगढ़- टिमरवा, पिपलखुंट
अलवर- मल्लाणा व पाटन
बांसवाड़ा- सुन्द्राव, पाडोला, आंबापुरा, कुशलगढ़ बांरा- हनोतियां
डूंगरपुर- डूंगरपुर, पारड़ा चुण्डावत व सीमलवाड़ा जयपुर- बिहारीपुरा
करोली- रानोली
प्रतापगढ़- टिमरवा, पिपलखुंट
स माधोपुर- बरनाला
सिरोही- दानवाव टोंक- निवाई
ये है उद्देश्य- – जो बच्चे दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहे है और अनुसूचित जनजाति के हैं, उन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण माध्यमिक और उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करना है।
– सभी बच्चों को उच्च और व्यावसायिक शैक्षिक पाठ्यक्रमों के योग्य बनाना।
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सिरोही- दानवाव टोंक- निवाई
ये है उद्देश्य- – जो बच्चे दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहे है और अनुसूचित जनजाति के हैं, उन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण माध्यमिक और उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करना है।
– सभी बच्चों को उच्च और व्यावसायिक शैक्षिक पाठ्यक्रमों के योग्य बनाना।
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इएमआरएस की शुरुआत 1998 से…
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी और इस तरह के पहले स्कूल का शुरुआत वर्ष 2000 में महाराष्ट्र में की गई थी।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी और इस तरह के पहले स्कूल का शुरुआत वर्ष 2000 में महाराष्ट्र में की गई थी।
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