इसी क्रम में कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में कई कार्यक्रम हुए।
बुद्ध के जीवनकाल और बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों पर एकत्र होकर अनुयायियों ने संघ के प्रचार—प्रसार का प्रण लिया।
बौद्ध भिक्षुुओं ने प्रार्थनाएं करवाईं।
बड़ी संख्या में अनुयायियों ने अपने आर्दश का आचरण जीवन में उतारने की कामना की।
बड़ों के साथ—साथ बच्चों नेे बढ़—चढ़कर आयोजनों में शिरकत की।
बेंगलूरु के महाबोधि सोसायटी की ओर से पारंपरिक तरीके से बुद्ध जयंती में विविध अनुष्ठान हुए।
बौद्ध भिक्षुओं नेे रीति—रिवाज संपन्न करवाए।
तथागत की प्रतिमा के समक्ष प्रण, प्रार्थना और प्रसन्ना के फूल खिले।
अनुभवी बौद्ध भिक्षुओं से युवा भिक्षुओं को बहुत कुछ सीखने को मिला।
बाल बौद्ध भिक्षुओं का उत्साह दर्शनीय रहा।
भगवान बुद्ध की प्रतिमा की परिक्रमा करते भिक्षु।