11 साल की उम्र से गोल्फ
लॉरेंट का दांया हाथ जन्म से ही पूरी तरह विकसित नहीं हुआा था। लेकिन उन्होंने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं माना। उन्हें गोल्फ का बचपन से शौक था। यही वजह रही कि 11 साल की उम्र से ही वे गोल्फ कोर्स पर प्रैक्टिस करने लगे। द अमरीकन एक्सप्रेस टूर्नामेंट शौकिया गोल्फर्स को खेलने का अवसर देता है। पेशेवर गोल्फर्स का कहना है कि गोल्फ के लिए दोनों हाथों के साथ ही सटीक शॉट लगाने की दक्षता भी अनविार्य है। एक हाथ से यह संभव नहीं। ऐसे में लॉरेंट का यह विजेता शॉट वाकई काबिल-ए-तारीफ है। वहीं शॉट के बाद लॉरेंट ने कहा कि वे यह दिखाना चाहते हैं कि दिव्यांग होने के बावजूद कभी अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोडऩा चाहिए। वे ऐसे बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा हैं जिन्होंने सिर्फ उन्हें देखकर गोल्फ खेलना शुरू किया था।
लॉरेंट का दांया हाथ जन्म से ही पूरी तरह विकसित नहीं हुआा था। लेकिन उन्होंने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं माना। उन्हें गोल्फ का बचपन से शौक था। यही वजह रही कि 11 साल की उम्र से ही वे गोल्फ कोर्स पर प्रैक्टिस करने लगे। द अमरीकन एक्सप्रेस टूर्नामेंट शौकिया गोल्फर्स को खेलने का अवसर देता है। पेशेवर गोल्फर्स का कहना है कि गोल्फ के लिए दोनों हाथों के साथ ही सटीक शॉट लगाने की दक्षता भी अनविार्य है। एक हाथ से यह संभव नहीं। ऐसे में लॉरेंट का यह विजेता शॉट वाकई काबिल-ए-तारीफ है। वहीं शॉट के बाद लॉरेंट ने कहा कि वे यह दिखाना चाहते हैं कि दिव्यांग होने के बावजूद कभी अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोडऩा चाहिए। वे ऐसे बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा हैं जिन्होंने सिर्फ उन्हें देखकर गोल्फ खेलना शुरू किया था।