scriptपाकिस्तानी लड़की का वीजा हुआ रिजेक्टदोस्त की शादी में शरीक होने के लिए आना था भारत | Pakistani girl wants to attend friend's marriage, visa rejected | Patrika News

पाकिस्तानी लड़की का वीजा हुआ रिजेक्टदोस्त की शादी में शरीक होने के लिए आना था भारत

Published: Nov 12, 2016 11:13:00 am

Submitted by:

Deepika Sharma

हिंदुस्तानी लड़की पूर्वी की शादी मेंं उसकी पाकिस्तानी सहेली साराह सिर्फ इसलिए नहीं आ पा रही है, क्योंकि उसे भारत का वीजा नहीं मिला। अब ये दोनों इंटरनेट के माध्यम से लोगों तक यह संदेश पहुंचा रही हैं कि दो देशों की रंजिश ने कैसे इन्हें अलग कर दिया है। इसलिए अब और लड़ाई नहीं।

pak girl visa

india-pak tension

मुंबई ।  शादी किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे अहम उत्सव होता है और ऐसे में हर व्यक्ति चाहता है कि उसके करीबी उसके इस ‘सबसे बड़े दिन’ में उसके साथ हों। ऐसा ही कुछ मुंबई की रहने वाली पूर्वी ठक्कर भी चाहती हैं, लेकिन उनकी इस इच्छा के बीच में सरहदों की दीवार खड़ी हो गई है। पूर्वी की सबसे पक्की सहेली साराह मुनीर, पाकिस्तानी है और इस समय अमरीका में काम करती है।

सरहदों की गिरफ्त में दोस्ती
पूर्वी की शादी दिसंबर में भारत में होने वाली है, जिसमें साराह शामिल होना चाहती हैं। लेकिन साराह को भारत आने का वीजा रिजेक्ट कर दिया गया। हालांकि साराह इससे पहले भारत आ चुकी हैं। यह दोनों सहेलियां वीजा के रिजेक्ट होने के बाद परेशान हो गई हैं। अब पूर्वी और साराह इंटरनेट पर अपना दर्द बयां कर अपनी कहानी लोगों को बता रही हैं। 

कोलंबिया में मिली एक-दूसरे से

साराह मुनीर का कहना है कि हम 5 साल पहले कोलंबिया जर्नलिज्म स्कूल में मिले थे। पूर्वी के पास रहने को जगह नहीं थी और वो मेरे पास आ गई। तब से हम साथ हैं और जिस दिन का हम लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, वह दिन तो आया, लेकिन वीजा रिजेक्ट होने की वजह से मैं उसमें शामिल नहीं हो पाऊंगी। 

कभी नहीं की बहस

पूर्वी ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि जो लोग मेरे और साराह की दोस्ती के बारे में जानते हैं, वह इस बात को असानी से समझ सकते हैं कि यह हमारे लिए कितना दिल दुखाने वाला है। मेरे सबसे अहम दिन पर मेरी सबसे अच्छी सहेली मेरे साथ नहीं होगी। इस वीजा के लिए महीनों से कागजी कार्रवाई, भीड़भाड़ में भटकना, दौडऩा, प्रार्थनाएं आदि करते हुए हमने कभी सोचा भी नहीं था कि यह रिजेक्ट हो जाएगा। वह लिखती हैं कि यह बहुत दुखद है कि हमने धर्म, राष्ट्रीयता या अपने इतिहास, यहां तक की क्रिकेट को भी कभी अपने बीच में नहीं आने दिया, लेकिन इस घटना ने हमें एहसास दिलाया कि हमें इन्हें बीच में लाना चाहिए था। 
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो