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संसद: मानसून में सिर्फ हंगामा, ना बिल पास, ना PM कुछ बोले

Published: Aug 13, 2015 02:37:00 pm

संसद का मानसून सत्र बिना किसी बड़े काम के समाप्त हो गया, 16वीं लोकसभा में पहली बार सरकार कोई भी बिल पास नहीं करा पाई

PM modi and amit shah

PM modi and amit shah

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनने के बाद पहली बार संसद में कोई काम नहीं हो पाया। व्यापमं घोटाले और ललित मोदी मामले के चलते संसद का मानसून सत्र बिना किसी बड़े काम के समाप्त हो गया। मानसून सत्र के आखिरी दिन भी इन मुद्दों पर हंगामा जारी रहा और लोकसभा व राज्य सभा को अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दिया गया। 16वीं लोकसभा में पहली बार सरकार कोई भी बिल पास नहीं करा पाई। यहां तक कि हंगामे के चलते राज्यसभा में जीएसटी बिल भी लटक गया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के ललितगेट और व्यापमं मामले में हंगामे के चलते काम नहीं हो पाया। इन मुद्दों के अलावा नागा शांति समझौता, बिहार में राज्यपाल की नियुक्ति तथा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दों पर भी हंगामा किया।



लोकसभा में 34 घंटे खराब
लोकसभा में इस सत्र में 17 बैठकें हुई जिनमें 47 घंटे 27 मिनट काम हो पाया तथा 34 घंटे चार मिनट सदन बाधित रहा। सदन को पांच घंटे 27 मिनट ज्यादा समय तक बैठ कर काम करना पड़ा। इसमें10 विधेयक सदन में पेश किए गए और छह विधेयक पारित किए गए। सत्र में कुल 1042 दस्तावेज पेश किए गए। गैरसरकारी सदस्यों के 45 विधेयक पेश किए गए।


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राज्यसभा में केवल नौ घंटे काम
संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा में 82 घंटे से भी अधिक समय बर्बाद हो गया। इस दौरान केवल 9 घंटे ही कामकाज हो सका तथा कोई नया विधेयक पेश नहीं हो सका। कांग्रेस के अडियल रवैये के चलते वस्तु एवं सेवा कर से जुड़ा अत्यंत महत्वपूर्ण संविधान संशोधन विधेयक (जीएसटी) इस बार भी लटक गया। इस सत्र में 18 बैठकें निर्धारित थी लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम के निधन के कारण दो दिन दिन अवकाश रहा।



पांच सदस्यों का हुआ निलंबन
संसद में कांग्रेसी सदस्यों के तख्तियां लेकर लगातार प्रदर्शन करने से आजिज स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 25 कांग्रेसी सांसदों को पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया। इस निलंबन के विरोध स्वरूप कोई भी कांग्रेसी सांसद सदन में नहीं आया और उन्होेने नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में कांग्रेस को अन्य पार्टियों का समर्थन भी मिला। हालांकि बाद में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह ने कांग्रेस के रवैये की आलोचना भी की।


इसी दौरान कुछ कांग्रेसी सदस्यों ने लोकसभा उपाध्यक्ष पी थम्बीदुरई पर कागल उछाल दिए। हंगामे से नाराज स्पीकर महाजन ने लोकसभा टीवी से कहाकि जनता को इन सांसदों की तस्वीरें दिखाई जाए जिससे देश को भी इनके बारे में पता चल सके।


पीएम मोदी रहे नदारद
लगातार हंगामे के बीच पीएम मोदी इस बार संसद से अनुपस्थित रहे। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के सांसदों की मीटिंग में कहाकि कांग्रेस देश का विकास रोकना चाहती है। इसके अलावा वे संसद में नहीं आए। कांग्रेसी सांसदों ने पीएम मोदी से व्यापमं और ललितगेट मामले में जवाब देने की मांग भी की। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने संसद चलाने की पहल की और विपक्ष से हाथ जोड़कर कहाकि हंगामा ना करें। वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी और सोनिया गांधी पूरे रंग में दिखे और उन्होंने सरकार के खिलाफ हंगामे में हिस्सा लिया। दोनों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध किया तो संसद के बाहर नारेबाजी भी की। यहां तक कि सोनिया गांधी तो अपनी बहन को लेकर की गई टिप्पणी के विरोध में वैल तक गई और नारे लगाकर विरोध जताया।
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