लोकसभा में 34 घंटे खराब
लोकसभा में इस सत्र में 17 बैठकें हुई जिनमें 47 घंटे 27 मिनट काम हो पाया तथा 34 घंटे चार मिनट सदन बाधित रहा। सदन को पांच घंटे 27 मिनट ज्यादा समय तक बैठ कर काम करना पड़ा। इसमें10 विधेयक सदन में पेश किए गए और छह विधेयक पारित किए गए। सत्र में कुल 1042 दस्तावेज पेश किए गए। गैरसरकारी सदस्यों के 45 विधेयक पेश किए गए।
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संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा में 82 घंटे से भी अधिक समय बर्बाद हो गया। इस दौरान केवल 9 घंटे ही कामकाज हो सका तथा कोई नया विधेयक पेश नहीं हो सका। कांग्रेस के अडियल रवैये के चलते वस्तु एवं सेवा कर से जुड़ा अत्यंत महत्वपूर्ण संविधान संशोधन विधेयक (जीएसटी) इस बार भी लटक गया। इस सत्र में 18 बैठकें निर्धारित थी लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम के निधन के कारण दो दिन दिन अवकाश रहा।
पांच सदस्यों का हुआ निलंबन
संसद में कांग्रेसी सदस्यों के तख्तियां लेकर लगातार प्रदर्शन करने से आजिज स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 25 कांग्रेसी सांसदों को पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया। इस निलंबन के विरोध स्वरूप कोई भी कांग्रेसी सांसद सदन में नहीं आया और उन्होेने नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में कांग्रेस को अन्य पार्टियों का समर्थन भी मिला। हालांकि बाद में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह ने कांग्रेस के रवैये की आलोचना भी की।
इसी दौरान कुछ कांग्रेसी सदस्यों ने लोकसभा उपाध्यक्ष पी थम्बीदुरई पर कागल उछाल दिए। हंगामे से नाराज स्पीकर महाजन ने लोकसभा टीवी से कहाकि जनता को इन सांसदों की तस्वीरें दिखाई जाए जिससे देश को भी इनके बारे में पता चल सके।
पीएम मोदी रहे नदारद
लगातार हंगामे के बीच पीएम मोदी इस बार संसद से अनुपस्थित रहे। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के सांसदों की मीटिंग में कहाकि कांग्रेस देश का विकास रोकना चाहती है। इसके अलावा वे संसद में नहीं आए। कांग्रेसी सांसदों ने पीएम मोदी से व्यापमं और ललितगेट मामले में जवाब देने की मांग भी की। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने संसद चलाने की पहल की और विपक्ष से हाथ जोड़कर कहाकि हंगामा ना करें। वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी और सोनिया गांधी पूरे रंग में दिखे और उन्होंने सरकार के खिलाफ हंगामे में हिस्सा लिया। दोनों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध किया तो संसद के बाहर नारेबाजी भी की। यहां तक कि सोनिया गांधी तो अपनी बहन को लेकर की गई टिप्पणी के विरोध में वैल तक गई और नारे लगाकर विरोध जताया।
लगातार हंगामे के बीच पीएम मोदी इस बार संसद से अनुपस्थित रहे। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के सांसदों की मीटिंग में कहाकि कांग्रेस देश का विकास रोकना चाहती है। इसके अलावा वे संसद में नहीं आए। कांग्रेसी सांसदों ने पीएम मोदी से व्यापमं और ललितगेट मामले में जवाब देने की मांग भी की। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने संसद चलाने की पहल की और विपक्ष से हाथ जोड़कर कहाकि हंगामा ना करें। वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी और सोनिया गांधी पूरे रंग में दिखे और उन्होंने सरकार के खिलाफ हंगामे में हिस्सा लिया। दोनों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध किया तो संसद के बाहर नारेबाजी भी की। यहां तक कि सोनिया गांधी तो अपनी बहन को लेकर की गई टिप्पणी के विरोध में वैल तक गई और नारे लगाकर विरोध जताया।