नेशनल कांफ्रेंस नेता रतन लाल गुप्ता ने कहा कि चुनाव कराने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बारे में राजनीतिक दलों के विचार जानने के लिए बैठक को बहुत पहले बुलाया जाना चाहिए था। कांग्रेस के गुलाम नबी मोंगा ने कहा कि उन्होंने हिरासत में लिए गए नेताओं को मुक्त करने और पार्टियों को राजनीतिक गतिविधियों का संचालन करने की अनुमति देने के मुद्दे उठाए। वहीं पीडीपी के सुरिंदर चौधरी पार्टी को राजनीतिक गतिविधियां नहीं करने देने का आरोप लगाते हुए बैठक से बाहर चले गए। उन्होंने कहा कि चुनाव में पार्टी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की रिहाई की शर्त रखी गई। सुरिंदर ने मुख्य चुनाव अधिकारी से कहा कि जम्मू—कश्मीर में लोकतंत्र कहीं नहीं है। नेताओं को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया है जिनके बिना उम्मीदवारों की भागीदारी संभव नहीं है। उन्होंने केवल बीजेपी को राजनीतिक गतिविधियां करने की अनुमति देने का आरोप लगाया।
बता दें कि रिक्त पड़ी 12,500 पंचायत सीटों पर पांच मार्च से चुनाव शुरू होने जा रहे है। आठ चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पीएसए के तहत नजरबंद किया गया है।