छिंदवाड़ा

PM Awas: जिन पीएम आवासों को देशभर में मिली थी तारीफ, उनकी दीवालों से रिसता है पानी

तीन साल में नहीं बन पाई पीएम आवास तक सडक़, रहवासियों ने बताई समस्याएं

छिंदवाड़ाJun 24, 2021 / 11:27 am

prabha shankar

chhindwara

छिंदवाड़ा। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना से इस महंगाई में गरीबों का अपना आशियाने का सपना तो पूरा हुआ, लेकिन सुविधाओं का खुशी की बजाय मायूसी दे रही है। यहां स्वास्थ्य, सुरक्षा, आवागमन, सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरकर आ रही है। खुला सीवर, सफ ाई भी एक समस्या बनती जा रही है।

बारिश में नाले बन जाते हैं आवागमन में रुकावट
पानी शहर में गिरे तो चौहारी नाला उफनाकर रास्ता रोक लेता है। यदि गांव में गिरे तो मंदिर वाले नाले में बाढ़ सी आ जाती है। सोनपुर एवं सारसवाड़ा के रहवासी वर्र्षों से इस समस्या का सामना कर रहे हैं, जो अब पीएम आवास के रहवासियों की भी समस्या बन चुकी है। यहां पेयजल सप्लाई नियमित तो नहीं होती, लेकिन बारिश में दीवालों से पानी जरूर रिसता हैं।

रहवासियों ने बताया

तीन साल से रोड बन रही है, आज तक पूरी नहीं हो पाई। इमलीखेड़ा की रोड बनाई तो वह भी उखड़ गई। बारिश में बड़ी मुश्किल से नाले से आर-पार लोग आ-जा पाते हैं।
रितेश तिवारी


मजबूरी है। इतनी कमाई नहीं कि कहीं और मकान बनवा सकें। शहर से दूर पीएम आवास में रह रहे हैं, लेकिन योजनाओं के लिए बार बार निगम भटकना पड़ता है। वहां भी राहत नहीं मिली।
सरोज अग्रवाल


सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। मल्टी में आए दिन वाहन औरवाहनों से पेट्रोल चोरी होता है। खुली पार्किंग है। रात में गश्त होना जरूरी है। रास्ते में भी रात में सुरक्षित महसूस नहीं करते।
नरेंद्र मालवी

असमाजिक तत्व, बाहरी लोग आकर गुंडागर्दी करके चले जाते हैं। कई बार ऐसी घटनाए हुई हैं। पुलिस चौकी की जरूरत है। हाल ही में कुछ युवक एक ब्लॉक की छत में शराब पीते पकड़े गए।
मनीश कुमार

दो साल से पानी की टंकी बन रही है। पहले तो माचागोरा की सप्लाई चालू हुई, तो तीन-चार दिन में पानी मिलने लगा। नहीं तो छह दिनों में पानी मिलता था।
नारायण विश्वकर्मा

शहर में रहते हैं, लेकिन गांव की बिजली मिली हुई है। आए दिन फाल्ट हो जाता है। बारिश होती है तो दीवालों में सीपेज व पानी टपकना शुरू हो जाता है।
सादिक भाई

अस्पताल की जरूरत है, बीमार पडऩे पर दस किमी से अधिक आना-जाना काफी मंहगा पड़ता है। कॉलोनी के चारों तरफ फेंसिंग हो और दोनों तरफ गेट हों ताकि असामाजिक तत्वों से सुरक्षित रहें।
पूनाराम पटवा

पानी सप्लाई में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन बिजली कभी भी बंद हो जाती है। बारिश में निश्चित नहीं रहता है कि कब नाला ओवर फ्लो हो जाए और लोग कब फंस जाएं। सडक़ चौड़ी होनी चाहिए।
नारायण यादव

पेयजल सप्लाई, सडक़, आवासों के सीपेज होने की समस्या काफी समय से है। इसके निराकरण के लिए ध्यान नहीं दिया जाता। पिछले साल लॉकडाउन में बैंक किस्त को छह महीने के लिए माफ किया गया, लेकिन इस वर्ष किस्त नहीं माफ की गई।
असगर अली वासु, पूर्व नेता प्रतिपक्ष निगम

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