हर मां की लाज हैं हम, हर पिता का नाज हैं हम
पापियों का काल हैं हम, नि-शक्त की मशाल हैं हम बदलाव का एक प्रहर हैं हम
मोड़ दे जो रस्ते, वही नदी नहर हैं हम
पापियों का काल हैं हम, नि-शक्त की मशाल हैं हम बदलाव का एक प्रहर हैं हम
मोड़ दे जो रस्ते, वही नदी नहर हैं हम
सत्य का एक बाण हैं हम, निति का प्रमाण हैं हम
बुजुर्ग की गुहार हैं हम, युवा की ललकार हैं हम
ना कर सके परास्त कोई, ऐसी सरकार हैं हम जाती रंग धर्म से, चाहे अनेक हैं हम
शक्ति दे जो शून्य को वही प्रचंड एक हैं हम
बुजुर्ग की गुहार हैं हम, युवा की ललकार हैं हम
ना कर सके परास्त कोई, ऐसी सरकार हैं हम जाती रंग धर्म से, चाहे अनेक हैं हम
शक्ति दे जो शून्य को वही प्रचंड एक हैं हम
देश का भविष्य हैं हम, अटूट एक निश्चय हैं हम
दिलों का एक साज हैं हम, शत्रु पर एक गाज हैं हम पाताल को जो चीर दे ऐसी आवाज हैं हम
रोके ना जो सरहदें वही एक तूफान हैं हम
क्षितिज को जो थाम ले वही आसमान हैं हम
दिलों का एक साज हैं हम, शत्रु पर एक गाज हैं हम पाताल को जो चीर दे ऐसी आवाज हैं हम
रोके ना जो सरहदें वही एक तूफान हैं हम
क्षितिज को जो थाम ले वही आसमान हैं हम
पवित्र धर्मग्रन्थ हैं हम, आदि से अनंत हैं हम
भय नहीं हिरण्य से प्रह्लाद वही संत हैं हम अंसख्य हृदयों को जोड़ दे वही राष्ट्रगान हैं हम
नवयुगों के मार्ग को बदलता हिंदुस्तान हैं हम
भय नहीं हिरण्य से प्रह्लाद वही संत हैं हम अंसख्य हृदयों को जोड़ दे वही राष्ट्रगान हैं हम
नवयुगों के मार्ग को बदलता हिंदुस्तान हैं हम
भारत की शान हैं हम, बुलंद गुलिस्तान हैं हम
युवा हिंदुस्तान हैं हम जुडि़ए पत्रिका के ‘परिवार’ फेसबुक ग्रुप से। यहां न केवल आपकी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि यहां फैमिली से जुड़ी कई गतिविधियांं भी देखने-सुनने को मिलेंगी। यहां अपनी रचनाएं (कहानी, कविता, लघुकथा, बोधकथा, प्रेरक प्रसंग, व्यंग्य, ब्लॉग आदि भी) शेयर कर सकेंगे। इनमें चयनित पठनीय सामग्री को अखबार में प्रकाशित किया जाएगा। तो अभी जॉइन करें ‘परिवार’ का फेसबुक ग्रुप। join और Create Post में जाकर अपनी रचनाएं और सुझाव भेजें। patrika.com
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