पढि़ए गजल भी राम गोपाल आचार्य जीत चाहिए हार नहीं,
छुपकर करना वार नहीं। प्रेम से होते हैं मसले हल,
रखना जरूरी तलवार नहीं। हानि हो तो भी सह लेना,
पर बनना तू मक्कार नहीं।
छुपकर करना वार नहीं। प्रेम से होते हैं मसले हल,
रखना जरूरी तलवार नहीं। हानि हो तो भी सह लेना,
पर बनना तू मक्कार नहीं।
भोले भाले से मित्रता कर,
लेकिन रखना गद्दार नहीं। कमजोरी और लाचारी को
बनाना कभी हथियार नहीं। जीवन में लो आनंद, मस्ती,
समझाो बोझा या भार नहीं। सीधा-साधा आदमी बनना,
रख दिल में अहंकार नहीं।
लेकिन रखना गद्दार नहीं। कमजोरी और लाचारी को
बनाना कभी हथियार नहीं। जीवन में लो आनंद, मस्ती,
समझाो बोझा या भार नहीं। सीधा-साधा आदमी बनना,
रख दिल में अहंकार नहीं।
धोखा करके नहीं भागना,
छोडऩा कभी मझधार नहीं। जुडि़ए पत्रिका के ‘परिवार’ फेसबुक ग्रुप से। यहां न केवल आपकी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि यहां फैमिली से जुड़ी कई गतिविधियांं भी देखने-सुनने को मिलेंगी। यहां अपनी रचनाएं (कहानी, कविता, लघुकथा, बोधकथा, प्रेरक प्रसंग, व्यंग्य, ब्लॉग आदि भी) शेयर कर सकेंगे। इनमें चयनित पठनीय सामग्री को अखबार में प्रकाशित किया जाएगा। तो अभी जॉइन करें ‘परिवार’ का फेसबुक ग्रुप। join और Create Post में जाकर अपनी रचनाएं और सुझाव भेजें। patrika.com
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