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Politics:अब बदलेंगे निगम और जिला पंचायत में राजनीति के समीकरण

– परिषद में था कांग्रेस का कब्जा, अब भाजपा पार्षदों और पदाधिकारियों को मिलेगा महत्व

छिंदवाड़ाJun 08, 2024 / 06:09 pm

prabha shankar

chhindwara nagar nigam

chhindwara nagar nigam

Lok Sabha elections में भाजपा के सांसद बंटी साहू के निर्वाचित होने के बाद नगर निगम, जिला पंचायत समेत अन्य स्थानीय निकायों की राजनीति के समीकरण बदल जाएंगे। जैसे-जैसे निर्माण समेत अन्य गतिविधियां और कार्यक्रम आगे बढ़ेंगे, उसमें भाजपा नेताओं और पार्षदों का प्रभाव नजर आएगा। कांग्रेस नेताओं की पूछपरख कम हो जाएगी।
पिछले पांच साल में कांग्रेस के सांसद नकुलनाथ और विधायक कमलनाथ की मौजूदगी होने से नगर निगम, जिला पंचायत, जनपद पंचायत और पंचायतों में कांग्रेस का वर्चस्व दिखाई देता था। इसके चलते केन्द्र और राज्य में सत्ता होने पर भी भाजपा नेता-कार्यकर्ता मुखर नजर नहीं आते थे। पिछले विधानसभा चुनाव 2023 में भी सातों विधानसभा क्षेत्रों से विधायक भी कांग्रेस के होने से स्थानीय भाजपा नेताओं का मनोबल गिरा हुआ था। उन्हें हमेशा पिछली पंक्तियों में ही बैठना पड़ता था।
इस लोकसभा चुनाव में जिले की राजनीति में काफी परिवर्तन दिखाई दिया है। सबसे पहले तो पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, पूर्व विधायक कमलेश शाह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना, नरेश साहू समेत अन्य कद्दावर नेता कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए। फिर मतगणना परिणाम में बंटी साहू सांसद निर्वाचित हो गए। इससे कहीं न कहीं हताश निराश भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को बल मिला है। स्थानीय निकायों में काम करने की नई ऊर्जा मिली है। इसका असर अब निकायों की राजनीति में दिखाई देगा।

मेहनत करने वालों को नई जिम्मेदारी के संकेत

सांसद बंटी साहू ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये संकेत दिए कि लोकसभा चुनाव में जिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें विजय दिलाने के प्रयास किए हैं, उन्हें नई जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके साथ ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलग्न रहने वालों को बक्शा नहीं जाएगा। यहां बता दें कि सांसद की जीत में कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं का महत्वपूर्ण योगदान है, ऐसे में उन्हें सत्ता की भागीदारी में पर्याप्त महत्व मिलेगा।

निगम में अब 33 भाजपा पार्षदों का दबदबा

लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के 13 पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से नगर निगम में दलीय स्थिति पूरी तरह बदल गई हैं। भाजपा के दबदबे से कांग्रेस की परिषद का भविष्य खतरे में दिखाई देने लगा है। महापौर विक्रम अहके के भी वापस भाजपा में आने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में जल्द नई मेयर-इन-काउंसिल का गठन होने की संभावना जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि निगम की सत्ता में अब भाजपा पूरी तरह हावी हो जाएगी। पहले भाजपा के पास 20 पार्षद थे। पार्षदों के दलबदल से कांग्रेस अल्पमत में रह गई है।

जिला पंचायत में उपाध्यक्ष को मिलेगा महत्व

जिला पंचायत की परिषद में इस समय कांग्रेस की परिषद है। जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार कांग्रेस के हैं। उपाध्यक्ष अमित सक्सेना भी पहले कांग्रेस में थे, उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली है। केन्द्र और प्रदेश में सत्ता होने से ये माना जा रहा है कि अब जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों के काम में उन्हें काफी महत्व मिलेगा।

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