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EARTH DAY : धरती के आंचल में हैं जीवन का अनमोल खजाना, इसे सहेजिए

locationजयपुरPublished: Apr 22, 2021 04:37:04 pm

Submitted by:

pushpesh

-कहीं भारी न पड़ जाएं इंसानी गलतियां -23 फीसदी भू-भाग (33 करोड़ हेक्टेयर) मरूस्थल में बदल रहा है।

EARTH DAY : धरती के आंचल में हैं जीवन का अनमोल खजाना, इसे सहेजिए

EARTH DAY : धरती के आंचल में हैं जीवन का अनमोल खजाना, इसे सहेजिए

ब्रह्मांड के ज्ञात ग्रहों में पृथ्वी पर ही जीवन है। वह इसलिए कि पृथ्वी के आंचल में जीवन के लिए जरूरी सभी संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। लेकिन इंसान की लालसा ने धीरे-धीरे इन पर अतिक्रमण कर दिया। इसके खजाने का अंधाधुंध दोहन शुरू कर दिया। जंगल काटे, पानी का अविवेकपूर्ण दोहन किया, प्लास्टिक और रसायनों से थल और जल दोनों को जहरीला किया। कार्बन उत्सर्जन के नित नए तरीके ढूंढकर हवा को विषाक्त कर दिया। वानस्पतिक नुकसान के साथ जैव विविधता जैसे खतरे पैदा हो गए तो जलवायु परिवर्तन जैसी प्राकृतिक आपदाएं चुनौती बनकर खड़ी हैं।
ये हकीकत भी जान लीजिए

-2.8 फीसदी हिस्सा ही इंसानी दखल से अछूता है पृथ्वी का। (जर्नल फ्रंटियर्स इन फॉरेस्ट)
-23 फीसदी भू-भाग (33 करोड़ हेक्टेयर) मरूस्थल में बदल रहा है। (संयुक्त राष्ट्र)
250 अरब टन रसायनों का उत्पादन हो रहा है एक वर्ष में (ओइसीडी का अनुमान)
05 अरब प्लास्टिक बैग्स का प्रयोग होता है हर वर्ष दुनिया में
-2001 से 2018 के बीच डेढ़ करोड़ हेक्टेयर से ज्यादा वन कम हुए भारत में।
-11 फीसदी वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के लिए वनों की कटाई उत्तरदायी है।
आठ महीने में ही निचोड़ दिए पृथ्वी के संसाधन
ग्लोबल फुटप्रिंट नेटवर्क ने ओवरशूट डे की गणना से बताया कि जो संसाधन पृथ्वी हमें वर्षभर के लिए देती है, उन्हें हम कितने दिन में खत्म कर रहे हैं। जैसे पिछले वर्ष 22 अगस्त था और 2019 में 29 जुलाई ओवरशूट डे रहा। अर्थात जिन संसाधनों को हमें वर्षभर खर्च करना था, वह 29 जुलाई को ही पूरे कर लिए। ओवरशूट डे हर वर्ष आगे-पीछे होता रहता है। संदेश यही है कि पृथ्वी से लेना ही नहीं देना भी सीखिए।
क्या हैं कारण
जंगलों की बेतहाशा कटाई, जैव विविधता को नुकसान पहुंचाया, पानी की बर्बादी, कीटनाशक और खाद के इस्तेमाल से मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट, कार्बन डाइऑक्साइड का अधिक उत्सर्जन।

ऐसे बचेगी धरती
अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, पानी बचाएं, इसे व्यर्थ न गंवाएं। रसायनों का प्रयोग कम करें, भोजन की बर्बादी रोकें। ईको फ्रेंडली वाहनों का इस्तेमाल करें, स्वच्छता रखें और सिंगल यूज प्लास्टिक जैसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने तत्वों का प्रयोग नहीं करें।
यों धरती के संसाधनों का दोहन करते गए
2020 में 22 अगस्त तक ही खर्च कर डाले एक वर्ष के संसाधन
2019 में 29 जुलाई तक
2010 में 08 अगस्त
2000 में 23 सितंबर
(आंकड़े ग्लोबल फुटप्रिंट से)
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