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Chemicals : रसायनों के खतरे से खेतों को बचा रहे

Published: Feb 16, 2020 04:03:04 pm

Submitted by:

pushpesh

-पंजाब में सबसे खराब है मिट्टी और किसान की हालात (Chemical in Punjab)

Chemicals : रसायनों के खतरे से खेतों को बचा रहे

रसायनों के खतरे

जयपुर.

भरपूर फसलों के लिए किसानों ने रसायनों का प्रयोग तो सीख लिया, लेकिन वे इसके दुष्प्रभावों को ठीक से नहीं पहचान पाए। यह हमारे निवाले के साथ ही मिट्टी और पानी को भी जहरीला बना रहा है। आज सबसे ज्यादा रसायनों का प्रयोग ‘हरित क्रांति’ का गढ़ रहे पंजाब में हो रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता उमेंद्र दत्त ने रसायनों से खेती को बचाने का बीड़ा उठाया है। उमेंद्र कहते हैं, यदि हमें अस्तित्व बचाना है तो हमें जैविक और प्राकृतिक खेती की तरफ लौटना होगा। वर्षों की रिसर्च के बाद उमेंद्र ने ठान लिया कि जिस तरह कभी पंजाब में हरित क्रांति आई थी, उसी तरह वह यहां जैविक खेती की क्रांति लाकर रहेंगे। उन्होंने फरीदकोट जिले के जैतु इलाके में खेती विरासत मिशन का ऑफिस बनाया और यहीं पर उन्होंने कीटनाशकों के खिलाफ अभियान शुरू किया।
कृषि विशेषज्ञ से लेकर कैंसर सर्जन्स तक के सेमिनार करवाए और फिर किसानों को जैविक खेती से जोडऩा शुरू किया। उमेंद्र दत्त ने पंजाब के किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया और रासायनिक दुष्प्रभावों के बारे में बताया। अब तक वे एक हजार सेमिनार से 30 हजार किसानों को जोड़ चुके हैं।
किचन गार्डन और देशी बीज बैंक
खेती विरासत मिशन ने पुरुष किसानों को ही नहीं, महिला किसानों को भी जोड़ा। उन्होंने महिलाओं को अपने घरों में ही किचन गार्डन लगाने की ट्रेनिंग दी। खासतौर पर उन महिलाओं को जोड़ा, जिनके परिवार भूमिहीन हैं। इसके अलावा जगह-जगह बीज बैंक बनाने की जिम्मेदारी भी महिलाओं को दी, जिससे उनकी आर्थिक प्रगति हो।
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