सागर

जूनियरों का आरोप, सीनियर मैदान में बुलाते हैं और ये हरकतेें करते हैं

इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज में रैगिंग का मामला, कमेटी ने दोनों पक्षों के दर्ज किए बयान

सागरSep 21, 2018 / 10:52 am

govind agnihotri

Raging allegations controversy at Indira Gandhi Engineering College

सागर. इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज में रैगिंग के मामले की जांच शुरू हो गई है। एंटी रैगिंग कमेटी ने 20 छात्रों के बयान दर्ज किए हैं। हालांकि इनमें से 9 छात्रों ने रैगिंग नहीं होने की बात कही है, लेकिन बाकी 11 छात्रों ने सीनियर छात्रों द्वारा प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। दोपहर 2 बजे के बाद सीनियर छात्रों के भी बयान दर्ज किए गए। दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर टीम जांच में जुट गई है। हालांकि यह मामला 15 सितंबर का है, जिसकी शिकायत पर प्राचार्य ने रैगिंग कमेटी गठित की थी। जूनियर छात्रों का आरोप है कि पढ़ाई के दौरान सीनियर छात्र उन्हें खेलने के लिए मैदान बुलाते हैं। खेलने से मना करने पर वहीं खड़ा करते हैं। पानी पिलाने के लिए पानी भरकर लाने का कहते हैं। कई छात्रों का यह भी कहना है कि इससे वह पढा़ई भी नहीं कर पा रहे हैं। एक छात्र ने इसी वजह से हॉस्टल भी छोड़ दिया है।

पिछले साल 5-5 हजार रुपए का लगा था जुर्माना

रैगिंग का यह कोई पहला मामला नहीं है। हर साल इंजीनियरिंग कॉलेज में सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों से रैगिंग की जाती है। पिछले साल मारपीट तक की गई थी। तब गठित जांच कमेटी ने चार छात्रों को दोषी पाया था और 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। वहीं, वर्ष 2016 में कुछ सीनियर छात्रों द्वारा की गई रैगिंग के मामले में एफआइआर तक दर्ज हुई थी। यह मामला कोर्ट में चल रहा है।
हॉस्टल और बाहर रहने वाले छात्रों में विवाद

इंजीनियरिंग कॉलेज में गुरुवार को दो पक्षों में विवाद हो गया था। इस दौरान एक-दूसरे पर पत्थरबाजी भी हुई थी। कॉलेज प्रबंधन की मानें तो यह विवाद हॉस्टल और बाहर रहने वाले छात्रों के बीच हुआ था। बताया जाता है कि हॉस्टल के बाहर रहने वाले छात्रों को कॉलेज में पढ़ाई के दौरान पीछे बैठने को कहा जाता है। छोटी-छोटी बातों पर होने वाले विवाद के कारण दो पक्ष आपस में भिड़ गए थे। हालांकि इस मामले की जांच भी प्रबंधन ने अलग से शुरू कर दी है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.