7500 करोड़ रुपए के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (डीओआइटी) ने 7500 करोड़ रुपए के इस टेंडर के लिए खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्री-बिड मीटिंग सोमवार को हुई, जिसमें सभी मोबाइल ऑपरेटर व हैंडसेट बनाने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान सरकारी एजेंसी राजकॉम्प इन्फो के अफसरों के बीच चर्चा हुई। एक जुलाई को टेक्निकल बिड खुलेगी। इसमें तकनीकी रूप से योग्य कंपनी का चयन होगा।
दो कंपनियों को मिलेगा काम स्मार्ट फोन की संख्या बहुत ज्यादा है और बजट भी, इसलिए डीओआइटी इस काम को दो कंपनियों को सौंपेगी। टेंडर में एल-1 और एल-2 (जो सबसे कम दर में काम करने को तैयार होगी) को यह काम दिया जाएगा। एल-1 कंपनी को 70 प्रतिशत और एल-2 कंपनी को 30 प्रतिशत मोबाइल सप्लाई का काम सौंपा जाएगा।
योजना के लिए ये तीन हैं मुख्य शर्तें लाभार्थी के लिए जनाधार कार्ड होना जरूरी स्मार्ट फोन घर चिरंजीवी योजना में बीमित परिवार की महिला मुखिया को मिलेगा। इसके लिए जनाधार कार्ड होना जरूरी है। स्मार्ट फोन में दो सिम स्लॉट का विकल्प होगा।
मुफ्त में देनी होगी इंटरनेट सेवा भी डीओआइटी के आयुक्त एवं राजकॉम्प इन्फो सर्विस के प्रबंध निदेशक संदेश नायक ने बताया कि कंपनियों को स्मार्टफोन के साथ इंटरनेट सेवा भी देनी है। यह सेवा मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां ही दे सकती हैं। इसलिए टेंडर में सीधे तौर पर बीएसएनएल, एयरटेल, जिओ, वोडाफोन-आइडिया कंपनियां ही भागीदारी कर सकेंगी। हैंडसेट निर्माता कंपनियां उन्हें सपोर्ट कर सकती हैं। सितंबर से वितरण शुरू करेंगे और एक साल में पूरा करने का प्लान है।
अगले साल हैं विधानसभा चुनाव राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। सरकार चाह रही है कि आचार संहिता लगने से पहले मोबाइल फोन वितरण का काम पूरा हो जाए। अगले वर्ष दिसंबर में नई सरकार का गठन होना है और उससे पहले चुनाव। ऐसे में आचार संहिता अक्टूबर में लगती है तो इससे पहले काम पूरा करना ही होगा।