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जयपुर

अध्यक्ष ने कहाः मार्शल! थ्रो देम आउट, विपक्ष और सुरक्षाकर्मी भिड़े, विधायक गिरे

rajasthan assembly: सदन में 2 बार धक्का-मुक्की, 2 बार कार्यवाही स्थगित, 2 बार मंत्री को मांगनी पड़ी माफी

जयपुरMar 10, 2022 / 09:05 pm

Sameer Sharma

अध्यक्ष ने कहाः मार्शल! थ्रो देम आउट, विपक्ष और सुरक्षाकर्मी भिड़े, विधायक गिरे

अध्यक्ष ने कहाः मार्शल! थ्रो देम आउट, विपक्ष और सुरक्षाकर्मी भिड़े, विधायक गिरे


– रालोपा विधायकों की ओर से पत्रिका की कटिंग लहराने से अध्यक्ष नाराज
– धारीवाल के बलात्कार को लेकर दिए बयान पर हंगामा, इस्तीफे की मांग, वैल में धरना

जयपुर। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के एक दिन पहले बलात्कार को लेकर दिए गए बयान को लेकर गुरुवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मंत्री के इस्तीफे व माफी मांगने की मांग को लेकर विपक्ष नारे लगाते हुए वैल में आ गया। रालोपा विधायक नारायण बेनीवाल व पुखराज गर्ग ने राजस्थान पत्रिका की कटिंग लहराई। इससे नाराज विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने मार्शल को दोनों विधायकों को बाहर निकालने के आदेश दे दिए। भाजपा विधायकों ने रालोपा विधायकों को बीच में रख लिया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, कैलाश मीणा, सतीश पूनिया, अशोक लाहोटी, चंद्रभान सिंह आक्या सहित अन्य विधायकों के साथ मार्शल व सुरक्षाकर्मियों की धक्का-मुक्की शुरू हो गई। भाजपा विधायकों ने रालोपा विधायकों को बीच में लेकर घेराबंदी कर ली, जिससे धक्का-मुक्की और तेज हो गई। इस दौरान कैलाश मीणा गिर पड़े। अध्यक्ष जोशी ने ये देख मार्शल को थोड़ा रुकने के लिए कहा। इसके बाद फिर उन्होंने बेनीवाल व गर्ग को कटिंग नहीं लहराने की चेतावनी दी, लेकिन दोनों नहीं माने। इसके बाद अध्यक्ष ने कहा मैने पहले आदेश दिए थे कि नियमानुसार सदन में कुछ भी बैनर आदि लेकर नहीं आएं। जोशी ने कहा कि सदन चले या नहीं चले मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। उन्होंने दोनों विधायकों को बाहर निकालने के लिए आदेश दिए और कहा कि मार्शल! थ्रो देम आउट। इसके बाद हालात और बिगड़ गए। धक्मा-मुक्की बढ़ती देख अध्यक्ष ने सदन को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया। विपक्ष वैल में ही धरने पर बैठ गया। भाजपा विधायक संजय शर्मा बयान के विरोध में बैनर पहनकर धरने में शामिल हुए। इस दौरान मुख्य सचेतक महेश जोशी वैल में बैठे कटारिया, राठौड़ व पूनिया को अध्यक्ष के चैंबर में वार्ता के लिए बुलाने पहुंचे। शुरुआत में उन्होंने वार्ता करने से ही मना कर दिया। लेकिन काफी समझाइश के बाद वे अध्यक्ष से वार्ता करने चैंबर में पहुंचे। लेकिन वार्ता विफल रही। इसके बाद सभापति राजेंद्र पारीक पहुंचे उन्होंने भी विपक्ष को अपनी सीट पर जाने को कहा, लेकिन लगातार नारों के बीच उन्होंने भी सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित किया। फिर, अध्यक्ष के चैंबर में विपक्ष से कटारिया, राठौड़ एवं सत्ता पक्ष से जोशी, उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी सहित कुछ विधायकों के बीच वार्ता शुरू हुई। अध्यक्ष जोशी ने कहा कि आदेश के मुताबिक दोनों विधायकों को पहले सदन से बाहर जाना होगा, फिर दो-तीन मिनट बाद उन्हें बुला लिया जाएगा। सदन शुरू होते ही ऐसा ही हुआ और इसके बाद सदन की कार्यवाही बना गतिरोध के दोपहर 1.06 बजे शुरू हुई। रोलोपा के सदस्यों की ओर से आदेश की पालना होने पर अध्यक्ष जोशी ने कहा कि सदन को सुचारू चलाने के लिए कई बार अध्यक्ष को कठोर निर्णय करने पड़ते हैं। खुशी है कि अध्यक्ष के आदेश की पालना हुई। आशा करता हूं कि भविष्य में भी आदेश की पालना होती रहेगी।

पहली माफी शोर-शराबे के बीच, विपक्ष ने कहाः ठीक से नहीं सुना

शांति धारीवाल ने प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष के शोर-शराबे के बीच अध्यक्ष जोशी के नाम पुकारने पर माफी मांगी। इसके बाद जब सदन का गतिरोध समाप्त हुआ, तो नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि उस समय अच्छे से नहीं सुना। इसके बाद धारीवाल ने वापस माफी मांगी। धारीवाल ने कहा कि एक दिन पूर्व पुलिस की अनुदान मांगों पर जब मैं जवाब दे रहा था, तो कुछ शब्द गलत निकल गए। दरअसल राजस्थान मरू प्रदेश है और मैं इसके बारे में कुछ कहना चाहता था। लेकिन स्लीप ऑफ टंग के कारण गलत शब्द निकल गए। इसका अहसास होते ही संबोधन के दौरान ही मैंने सभापति से उन्हें कार्यवाही से हटाने का अनुरोध भी किया था। इसका मुझे खेद है। मैं व्यक्तिगत तौर पर महिलाओं का बहुत सम्मान करता हूं और करता रहूंगा। यदि मेरे शब्दों से ठेस लगी है तो मैं माफी मांगता हूं।

नारी का अपमान हुआ, 72 लोग क्या कर रहे थे
धारीवाल की माफी मांगने से पहले नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने अध्यक्ष जोशी से कहा कि आप इस घटना को सामान्य घटना के तौर पर न लें। राजस्थान बहादुरों के लिए जाना जाता है, बलात्कार करने वालों के लिए नहीं। मंत्री के शब्दों से प्रदेश की महिलाओं में ही नहीं, सभी के मन में बहुत आक्रोश है। जब घर से चला तो एक आदमी ने मुझे यहां तक कहा कि आप 72 लोग विधानसभा में क्या कर रहे हो? जो शब्द बोले गए, उससे नारी का अपमान है और प्रदेश से जो बहादुर सीमा पर रक्षा कर रहे हैं, उनका भी अपमान है। यहां सदन में बैठकर एक दूसरे पर छींटाकशी करते हैं, यह समझ में आ सकता है। लेकिन मंत्री इतनी घटिया स्तर की बात कर जाएं और राजस्थान के लोगों का जो अपमान किया है, उसका कोई स्थान नहीं है।

चुनाव रूझान का असर
सदन में भाजपा के पक्ष में आए रूझान का असर भी देखने को मिला। भाजपा के सदस्यों ने हंगामे के दौरान वैल में योगी-मोदी को लेकर नारे लगाए।

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