प्रदेश के निजी आइटीआइ कॉलेजों ( Rajasthan iti colleges ) में चल रहे फर्जी नामांकन के खेल की अब पोल खुलेगी। कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग ( Skill, Planning and Entrepreneurship Department ) के आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। विभाग को लगातार शिकायत मिल रही थी कि कई निजी व सरकारी कॉलेजों में उपस्थिति का आंकड़ा काफी कम है। इसके बाद विभाग ने दो महीने पहले सभी आइटीआइ कॉलेजों में औचक निरीक्षण कराए थे। इस दौरान 45 फीसदी से अधिक कॉलेजों में नामांकन व उपस्थिति में फर्जीवाड़े का कड़वा सच सामने आया था। ऐसे कॉलेज संचालकों से विभाग ने स्पष्टीकरण भी लिया। अब विभाग ने सोशल मीडिया ( social media ) के जरिए नियमित रूप से निजी व सरकारी कॉलेजों में उपस्थिति जांच करने की योजना बनाई है। विभाग के आयुक्त ने सभी प्राचार्यो की वीसी लेकर जानकारी दी। सभी जिलों में व्हाट्सएप गु्रपों की मॉनिटरिंग के लिए अलग से कमेटी भी बनाई जाएगी, जो हर दिन के हिसाब से रेकार्ड रखेगी।
एनसीवीटी के नियमों की करनी होगी पालना
उद्यमिता विभाग की मंशा है कि एनसीवीटी नॉम्र्स के हिसाब से ही प्रदेश में आइटीआइ कॉलेजों का संचालन हो ताकि अच्छे कामगार तैयार हो सके। कॉलेजों के स्टाफ एवं प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति भी बायोमेट्रिक तरीके से दर्ज करने की तैयारी करने के निर्देश दिए है।
पता चलेगा आज कौनसे विद्यार्थी आए
बायोमेट्रिक मशीन को भी सीसीटीवी से जोड़ा जाएगा। प्रार्थना सभा के फोटो और बायोमेट्रिक उपस्थिति से पता लग सकेगा कि आज कौन-कौनसे विद्यार्थी कॉलेज आए। विभागीय निर्देशों की पालना नहीं करने मुख्यालय को लिखने के बाद मान्यता रद्द करने की कार्रवाई भी हो सकेगी।
निजी कॉलेजों के प्राचार्यो को एक वाट्सएप गु्रप में जोड़ा जाएगा। दोनों पारियों की प्रार्थना सभा की फोटो सभी कॉलेजों को भेजनी होगी। जिले के गु्रप से प्रतिदिन फोटो राज्यस्तर पर भेजी जाएगी। नियमानुसार कॉलेजों का संचालन नहीं करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। -श्याम सुन्दर शर्मा, समूह अनुदेशक, राजकीय आइटीआइ कॉलेज, सीकर