पूरी तैयारी से रख रहे हैं कदम
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि रजनीकांत का राजनीति में आना न तुक्का है और न ही अपनी लंबी-चौड़ी फैन फॉलोविंग को खुश करने के लिए है, बल्कि घोषणा से पहले उन्होंने इस पर बहुत होमवर्क किया है और इसके लिए वह लगातार विशेषज्ञों के समूह से मिले और अब भी मिल रहे हैं। तमिलनाडु में वह राजनीतिक और कृषि संबंधी समस्याओं का डेटा संग्रह करने और उसके हल के लिए वह राज्यभर में टीम को भेज रहे हैं। एक तकनीकी टीम उन डेटा का विश्लषण कर उस पर कार्रवाई करेगी।
रजनीकांत के कट्टर समर्थकों की संख्या बेहद विशाल है और वे पूरी दुनिया में फैले हैं। अमरीका की आईटी इंडस्ट्री में भी उनकी अच्छी-खासी संख्या है। ये रजनीकांत के इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं और सिस्टम को बदलने के लिए उनकी तकनीकी मदद भी कर रहे हैं। वहां से उनके समर्थन में बड़ा फंड भी आने की संभावना है। वह भी पूरी तरह से तैयार हैं। जब रजनीकांत अपनी राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे, तब तक एक मजबूत तकनीकी मदद राज्य की हर विधानसभा के हर सेगमेंट का पूरा डेटा उन्हें उपलब्ध करा चुका होगा। रजनीकांत इस बात को समझते हैं दो मजबूत द्रविडिय़न पार्टी से निबटने का यही एकमात्र तरीका है।
उम्मीदवार के मोर्चे पर आएगी चुनौती
एक और मोर्चा है, जहां रजनीकांत को अपने लाखों प्रशंसकों के बीच में से चुनने में समस्या आएगी। वह यह है कि उनके समर्थकों में से करीब 60 प्रतिशत लोग वर्तमान भ्रष्ट व्यवस्था से प्रभावित हैं। इसलिए वह इसमें भी तकनीकी मदद ले रहे हैं। एप्स की मदद से वह उनका विश्लेषण कर उन्हें पार्टी में प्रमुख पदों से दूर रखने का प्रयास करेंगे। जब एक जनवरी को रजनीकांत ने इच्छुक लोगों से कहा कि वे ‘मांदरम’ पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें, तब से लेकर अब तक इस वेबसाइट्स पर 10 लाख हिट्स और 3 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।