अपराह्न करीब तीन बजे महंत की वैकुंठी निकाली गई, जो शहर के विभिन्न रास्तों से होते हुए झड़ा तालाब के पास राम मोहल्ला स्थित श्मसान घाट पहुंची।
महाप्रयाण यात्रा में बड़ी संख्या में संत समाज, श्रद्धालु व रामस्नेही शामिल हुए। गौरतलब है कि शुक्रवार रात को जोधपुर जाते समय रातड़ी नाडी के पास सडक़ हाउसे में निधन हो गया।
महाप्रयाण यात्रा में बड़ी संख्या में संत समाज, श्रद्धालु व रामस्नेही शामिल हुए। गौरतलब है कि शुक्रवार रात को जोधपुर जाते समय रातड़ी नाडी के पास सडक़ हाउसे में निधन हो गया।
अपराह्न करीब तीन बजे महंत की वैकुंठी निकाली गई, जो शहर के विभिन्न रास्तों से होते हुए झड़ा तालाब के पास राम मोहल्ला स्थित श्मसान घाट पहुंची।
अपराह्न करीब तीन बजे महंत की वैकुंठी निकाली गई, जो शहर के विभिन्न रास्तों से होते हुए झड़ा तालाब के पास राम मोहल्ला स्थित श्मसान घाट पहुंची।
रातड़ी नाडी के पास सडक़ हाउसे में निधन हो गया। महंत के देवलोक गमन के समाचार से संत समाज और श्रद्धालुओं में शोक छा गया। उनका पार्थिव शरीर दोपहर एक बजे नागौर लाया गया व रामपोल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। अपराह्न करीब तीन बजे महंत की वैकुंठी निकाली गई, जो शहर के विभिन्न रास्तों से होते हुए झड़ा तालाब के पास राम मोहल्ला स्थित श्मसान घाट पहुंची। रास्ते में लोगों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा की।
रामस्नेही महंत संपतराम महाराज की देह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गई।
महंत के देवलोक गमन के समाचार से संत समाज और श्रद्धालुओं में शोक छा गया