अधिकार: एफआइआर दर्ज होने का मतलब आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो जाती
जयपुरPublished: Nov 04, 2020 11:49:48 am
पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान आगाह किया
अधिकार: एफआइआर दर्ज होने का मतलब आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो जाती
अक्सर यह मान लिया जाता है कि एफआइआर (FIR or First Information Report/प्राथमिकी ) दर्ज होते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए। लेकिन हाल ही पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana Highcourt) में जस्टिस राज मोहन सिंह की एकल पीठ ने आगाह किया है कि भले ही किसी शिकायत में संज्ञेय अपराध का खुलासा होने पर एफआइआर अनिवार्य है, लेकिन एफआइआर दर्ज होने पर अभियुक्त की गिरफ्तारी खुद-ब-खुद नहीं होती है। गिरफ्तारी अपराध के आरोप मात्र पर या सामान्य विषय के रूप में नहीं की जा सकती है। एक पुलिस अधिकारी के लिए विवेकपूर्ण होगा कि किसी शिकायत के बाद, वह शिकायत की वास्तविकता, आरोपों की सत्यता और अभियुक्त की संलिप्तता के संदर्भ में उचित जांच के बिना किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी न करे। व्यक्ति की गिरफ्तारी और एफआईआर के पंजीकरण का प्रत्यक्ष रूप से संबंद्ध नहीं है, क्योंकि दोनों की दो अवधारणाएं हैं जो विभिन्न मापदंडों के तहत संचालित होती हैं।