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वैज्ञानिक का दावा, समंदर के भीतर रहने से बढ़ी 20% उम्र

अपने मिशन ‘प्रोजेक्ट नेपच्यून 100’ के तहत वह सर्वाधिक लंबे समय तक पानी के भीतर रहने का विश्व रेकॉर्ड भी बना चुके हैं। इससे पिछला रेकॉर्ड 73 दिनों का था।

जयपुरJun 03, 2023 / 11:07 am

Kiran Kaur

नई दिल्ली। वैज्ञानिक अपने शोधों के जरिए नए-नए रहस्यों को उजागर करते रहते हैं। अब अमरीकी वैज्ञानिक और सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी, जोसेफ डिटूरी का दावा है कि 90 से ज्यादा दिनों तक पानी के भीतर रहने के बाद उनकी उम्र 20 फीसदी बढ़ गई है। जोसेफ पिछले कई दिनों से अटलांटिक महासागर के तल पर एक पॉड में रहकर यह जानने के लिए शोध कर रहे हैं कि दबावयुक्त वातावरण मानव शरीर को कैसे प्रभावित करता है। 55 वर्षीय जोसेफ डिटूरी की योजना 100 दिनों तक पानी में रहने की है। अपने मिशन ‘प्रोजेक्ट नेपच्यून 100’ के तहत वह सर्वाधिक लंबे समय तक पानी के भीतर रहने का विश्व रेकॉर्ड भी बना चुके हैं। इससे पिछला रेकॉर्ड 73 दिनों का था।
पॉड में जाने के बाद से 10 गुना बढ़ीं स्टेम सेल्स:

‘डॉ. डीप सी’ के नाम से मशहूर जोसेफ डिटूरी ने बताया कि अप्रेल से जून तक उनके शरीर में क्या-क्या बदलाव आए हैं, यह जानने के लिए डॉक्टरों ने कई टेस्ट किए। इनमें टेलोमेरेस (क्रोमोसोम के अंत में मौजूद यौगिक जो उम्र के साथ छोटे होनेे लगते हैं) की जांच भी शामिल थी। जोसेफ का दावा है कि यौगिक अब 20 फीसदी लंबे हो गए हैं और मार्च में पानी के भीतर पॉड में जाने के बाद से अब तक उनकी स्टेम सेल्स 10 गुना बढ़ी हैं। स्टेम सेल्स, शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता प्रदान करती है। बढ़ती उम्र के संकेतों को पलटने के लिए स्टेम सेल्स आशाजनक संभावित समाधान हंै। पूर्व में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोध में पाया गया है कि पुरानी मानव कोशिकाओं को स्टेम सेल्स के जरिए फिर से जवां किया जा सकता है।
पानी के दबाव के कारण हुआ सेहत में बदलाव:

जोसेफ के अनुसार वह रात में 60 से 66 प्रतिशत गहरी नींद सोते हैं। इसके अलावा सूजन संबंधी संकेत जो रोगों का कारण बन सकते हैं, उनमें 50 फीसदी की कमी आई है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी सुधार हुआ है। सेहत में यह बदलाव पानी में दबाव के कारण हुआ है, जो हाइपरबेरिक चैम्बर्स में प्रक्रिया के समान है। ये चैम्बर्स मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह, ब्रेन मेटाबॉलिज्म और ब्रेन माइक्रोस्ट्रक्चर में सुधार के लिए जाने जाते हैं, जिससे दिमागी गतिविधियों, शारीरिक कामों, नींद और चाल में सकारात्मक बदलाव होता है। तेल अवीव विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 2020 में अपने शोध में पाया था कि हाइपरबेरिक ऑक्सीजन उपचार, स्वस्थ बुजुर्गों में रक्त कोशिकाओं की उम्र को बढऩे से रोककर इस प्रक्रिया को पलट भी सकता है।
अंतरिक्ष यात्रियों की मदद के लिए तकनीक पर कर रहे काम:

पॉड में रहते हुए जोसेफ हफ्ते में चार से पांच दिन एक घंटा व्यायाम करते हैं। जोसेफ का कहना है कि मेरा मेटाबॉलिज्म बढ़ा है। भले ही मांसपेशियों में बदलाव नहीं आया है लेकिन मैं पहले से दुबला हो गया हूं। पिछले शोधों से पता चला है कि टेलोमेरेस, जो क्रोमोसोम को कमजोर होने से बचाते हैं, जब शरीर अत्यधिक दबाव में होता है तो लंबे हो जाते हंै। जोसेफ यह परीक्षण भी कर रहे हैं कि तकनीक का प्रयोग किस प्रकार से अंतरिक्ष यात्रियों की मदद के लिए किया जा सकता है। साथ ही वे अंतरिक्ष में मांसपेशियों के नुकसान को कैसे रोका जाए, इस पर भी काम कर रहे हैं।
‘डॉ. डीप सी’ का मिशन
समयावधि: 01 मार्च से 09 जून
पानी में प्रवास: अटलांटिक महासागर में 30 फीट गहराई में
पॉड का आकार: 100 वर्ग फीट
सुविधाएं: वर्क एरिया, दो बेडरूम, किचन, बाथरूम, छोटा स्वीमिंग पूल जो निकासी और प्रवेश द्वार की तरह काम करता है और एक खिड़की जहां से समुद्र के नजारे देखे जा सकते हैं

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