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सीकर में मचा हड़कम्प : 1000 व 500 के नोटों ने उड़ाई लोगों की नींद

locationनई दिल्लीPublished: Nov 09, 2016 01:15:00 pm

Submitted by:

vishwanath saini

पत्रिका ने जब संचालक से आधी रात के बाद नोट बंद होने की बात कही, तो भी संचालक ने नोट नहीं लेने की ही बात कही।

पांच सौ व एक हजार का नोट बंद होने की सूचना से मंगलवार को शहर में अचानक हड़कंप मच गया। लोग पांच सौ व एक हजार के नोट चलाने के लिए रात को बाजार में पहुंच गए। कोई एटीएम में पैसे जमा कराने में जुट गया, तो कोई पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर व ढाबों पर अपने नोट चलाने की फिराक में लगा नजर आया।



पत्रिका टीम ने रात 10 बजे बाद शहर का जायजा लिया, तो बाजार में जगह- जगह यही आलम नजर आया। जो लोग एटीएम से पैसे निकालने पहुंचे वे भी 500 के नोट से बचने के लिए 400 रुपए तक ही एटीएम से निकालते नजर आए। पेश है रिपोर्ट।
 रात 10.15 बजे: सिहोटिया पेट्रोल पंप को वापस खुलवाया


पांच सौ व एक हजार का नोट बंद होने की सूचना मिलते ही पेट्रोल पंप बंद कर दिया गया। जिससे पेट्रोल लेने पहुंचे लोगों में आक्रोश छा गया। लोग हल्ला मचाने लगे। सूचना पर एसीएम, डीएसओ पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने पेट्रोल पंप वापस खुलवाया। इसके बाद पंप पर 500 व एक हजार के नोट तो लिए गए, लेकिन, छुट्टे रुपयों की समस्या बताते हुए पंप पर उस पूरी रकम का ही पेट्रोल दिए जाने की शर्त रख दी गई।

रात 10.00 बजे: मनोज ढाबा

रोडवेज बस डिपो के सामने स्थित मनोज ढाबे पर ग्राहक पहुंचे हुए थे। लेकिन, ढाबा संचालक ग्राहकों को पहले ही यह बोलकर भोजन के लिए बिठाते दिखा कि 500 व हजार के नोट नहीं लिए जाएंगे। पत्रिका ने जब संचालक से आधी रात के बाद नोट बंद होने की बात कही, तो भी संचालक ने नोट नहीं लेने की ही बात कही।

रात 10.15 बजे: बस डिपो, नहीं मिली चीनी

जयपुर रोड निवासी बृजमोहन महला रात दस बजे इलाके की एक दुकान पर राशन का सामान लेने गए। इस दौरान वह कई दुकानों पर गए लेकिन 500 व एक हजार के नोट लेने के लिए राजी नहीं हुआ। आखिर में वह किसी से उधार राशि मांगकर लाए और घर राशन खरीदकर ले गए।
इसी तरह पिपराली रोड निवासी रोहित चौधरी को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि वह मिठाई लेने के लिए गए। लेकिन कई दुकानों पर निराशा ही हाथ लगी। आखिर में एक दुकानदार ने काफी मनुहार के बाद पांच सौ का नोट चलाया।
रात 10.45 बजे: घनघनाने लगे फोन

नोटों पर पाबंदी के साथ थोक व्यापारियों के पास फोन घनघनाने लग गए। एक दुकानदार को भुगतान देने फुटकर विक्रेता तक पहुंच गए। दुकानदार ने बताया कि उसने जिन दुकानदारों से पन्द्रह दिन से भुगतान नहीं दिया था वह भी पूरा भुगतान देने के लिए तैयार हो गए हैं।
रात 11 बजे: सूरजपोल गेट, लगी भीड़

एक दवा की दुकान पर मरीजों के तीमारदारों की भीड़ लगी थी। तीमारदार दुकानदार को जब पांच सौ व एक हजार रुपए के भुगतान देने के कह रहे थे लेकिन दुकानदार ने साफ मना कर दिया और दुकान बंद कर चला गया। एेसे में परिजन भटकते रहे। कई निजी अस्पतालों मंें मना करने पर मरीजों के परिजन प्रबंधन से पांच सौ व एक हजार के नोट लेने की मिन्नत करते नजर आए।
रात 11.15 बजे: सूरजपोल गेट, चर्चा

पांच बत्ती सर्किल के पास एक दुकान के बाहर व्यापारी जमा हो गए। समूह के रूप में व्यापारी सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे थे तो कई व्यापारी इस कदम को सराहनीय बता रहे थे। कुछ व्यापारियों का कहना था कि सरकार ने कालाबाजारी रोकने के लिए पांच व एक हजार के नोट को बंद किया लेकिन दो हजार का नोट निकालने से तो कालाबाजारी और बढ़ जाएगी।
रात 11.30 बजे: एसबीआई एटीएम पर भीड़

एटीएम के बाहर लोगों की लाइन लग गई। पांच व हजार के नोट जमा कराने के लिए देर रात तक लोग की लाइन लगी रही। एटीएम के बाहर लाइन लगी होने के कारण कई बार पुलिस को भी व्यवस्था संभाली पड़ रही थी।

पत्नियों ने निकाला धन

अचानक 500 व एक हजार का नोट बंद होने की सूचना घरों में आग की तरह फैल गई। कई घरों में महिलाओं ने नोटों के रद्दी होने के भय से पुरानी जमा राशि निकाल दी। कई घरों में तो यह राशि लाखों में पहुंच गई। वहीं छोटे बच्चों ने भी गुल्लक फोडकर 500 व एक हजार के नोट निकाल लिए।
देर रात तक चलती रही गिनती

नोटों के बंद होने के कारण व्यापारी भी खासे परेशान नजर आए। कई उद्योगपति देर रात तक नोटों की गिनती करने में जुटे रहे। कई व्यापारी तो दुबारा दुकान खोलकर राशि लेने पहुंच गए। जब बाद में पता चला कि दिसम्बर तक नोट बदले जाएंगे। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
और जिलेभर में यही हाल

पत्रिका टीम ने कस्बे व गांव-ढाणियों में स्थिति देखी तो हर जगह अचानक नोट बंद होने की चर्चा नजर आई। कई लोग एेसे भी है जिनको सरकार के इस फैसले के बारे में पता ही नहीं है। वहीं व्यापारियों ने इस फैसले का मिलाजुला असर बताया। वहीं मध्यवर्गीय परिवारों ने सरकार के इस फैसले को सराहनीय बताया।

सोशल मीडिया पर फनी कमेंट्स


पांच सौ और हजार के नोट बंद होने की शाम को हुई घोषणा के बाद से ही सोशल मीडिया पर फन्नी कमेंट्स भी खूब आए।

कुछ पर नजर:-
अब पता चल जाएगा की बीवियों के पास पतियों से छुपा कर कितना काला धन रखा हुआ है। मोदी जी तुस्सी ग्रेट हो।
आज रात जिस घर की लाइट जलती हुई दिखे समझ लो नोटो की गिनती चल रही है।

आज मोदी जी ने सभी महिलाओं को काम पर लगा दिया है? चोरी छिपे जमा किये हुए पैसे पति के सामने आ जाएंगे।
विधुत विभाग से निवेदन है की आज विधुत कटौती नहीं करे। आज नोट की गिनती हो रही है।

वाह-रे मोदी जी क्या दिमाग चलाया है काले धन का तो पता नहीं पर घरों में औरतों के खजाने का तो पता चल ही जाएगा।
सभी पत्नियोंं से निवेदन है कि पति की जेब से चोरी की हुई कमाई में से जितने भी 500 और 1000 के नोट हैं उनको घोषित करदे। मोदीजी ने इस कमाई को भी कालाधन घोषित किया है। जनहित में जारी
जिसकी जितनी औकात होती है वो उतने ही बड़े फैसले लेता है, कांग्रेस ने चवन्नी बन्द की थी

देश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने, कालेधन को रोकने, आतंकवाद के लिए फं डिंग को चोट पहूंचाने व नकली नोटों को खत्म करने का सरकार का ऐतिहासिक फैसला का तहेदिल से सराहना की जानी चाहिए, 2 दिन तकलीफ सहना देश हित में होगा ।
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