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मैस बंटवारे को लेकर आईआईटी मद्रास चर्चा में

Published: Dec 14, 2018 08:23:17 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

मैस में शाकाहारियों एवं मांसाहारियों के लिए प्रवेश से लेकर बर्तन, वॉशबेसिन तक बांटा गया है

Separate Mess for veg and nonveg in IIT Madras

मैस बंटवारे को लेकर आईआईटी मद्रास चर्चा में

चेन्नई. देश की सामाजिक समरसता को मजबूती देने के लिए भले ही भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों में समानता के अधिकार को शामिल किया गया हो लेकिन आज भी यहां समानता में असमानता खोज निकालने वालों की कोई कमी नहीं है। देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में से एक आईआईटी मद्रास भी इसी तरह के एक मामले को लेकर काफी चर्चा में है। दरअसल यहां की मैस में शाकाहारियों एवं मांसाहारियों के लिए प्रवेश से लेकर बर्तन एवं वॉशबेसिन तक बांट दिया गया है। इस मामले को जातिगत भेदभाव से जोड़ते हुए अंबेडकर पेरियार स्टडी सेंटर (एपीएससी) ने कहा कि तथाकथित ऊंची जाति के लोगों के घरों में अछूतों एवं ऊंची जाति वाले लोगों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार का इंतजाम होता है। अब यह व्यवस्था आईआईटी मद्रास की मैस में भी लागू हो गई है।

इस दौरान यहां छात्र निकाय के सदस्यों ने यहां की हिमालया मैस की कुछ तस्वीरें भी साझा की। उन्होंने कहा कि विश्वस्तरीय संस्थान बनने का प्रयास करने वाला आईआईटी मद्रास सांस्कृतिक स्तर पर अभी भी काफी पीछे है। इसकी प्रतिक्रिया में आईआईटी मद्रास के अधिकारियों ने कहा कि आईआईटी के विद्यार्थियों को शाकाहार अथवा मांसाहार में से कोई भी विकल्प चुनने की स्वतंत्रता है। इसमें आईआईटी मद्रास की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाना निराधार है।

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