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‘शक्ति’ को मिले सम्मान तो छू ले आसमान

locationजबलपुरPublished: Mar 08, 2019 02:04:53 am

Submitted by:

santosh singh

महिला दिवस पर विशेष

महिला दिवस पर विशेष

महिला दिवस पर विशेष

जबलपुर . विश्व की प्रत्येक महिला को सम्मान देने के लिए उत्सव के रूप में महिला दिवस मनाया जाता है। महिलाओं के सम्मान व उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ एक दिन ही काफी नहीं है। हमें उन्हें समानता देने के लिए आत्मनिर्भर बनाना होगा। संस्कारधानी इस मायने में अपनी उपलब्धियों और अतीत पर इतरा सकता है। वीरांगना रानी दुर्गावती का कालखंड रहा हो या फिर मौजूदा राजनीतिक दौर। शहर की प्रथम नागरिक महिला हैं। कलेक्टर और जिला पंचायत अध्यक्ष महिला हैं। न्याय जगत से लेकर खेल क्षेत्र में संस्कारधानी की महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। बस जरूरत है आधी आबादी को उनका पूरा हक देने की। ‘शक्ति’ को ‘अवसरों की शक्ति दें’ तो वो चांद-तारे भी तोड़ लाएंगी। महिला दिवस पर पत्रिका ने विभिन्न विभागों में महिलाओं की आबादी और भागीदारी की पड़ताल की।
नगर निगम
नगर निगम की कमान महिला महापौर स्वाति गोडबोले के हाथों में है। सदन में 79 पार्षदों को संवैधानिक तरीके से अपनी बात रखने की जिम्मेदारी अध्यक्ष के रूप में सुमित्रा बाल्मीक संभालती हैं।
फैक्ट
महिला पार्षद-39
कुल स्टाफ-3000
महिला प्रशासनिक अधिकारी-03
संभागीय मुख्यालयों में महिला लिपिक-200
महिलाएं-1000
महिला सफाई कर्मी-800
रेलवे
जबलपुर मंडल में 17 हजार 800 अधिकारी-कर्मचारियों में 6.03 प्रतिशत लगभग 1122 महिलाएं विभिन्न पदों में कार्यरत हैं। छह लोको पायलट और कई महिला कुली ने पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्रों में अपनी धाक जमायी है। रेलवे में अपर रेल मंडल प्रबंधक अंजू मोहनपुरिया, सीपीआरओ प्रियंका दीक्षित, सीनियर इडीपीएम रश्मि दिवाकर, डिप्टी सीएमडी डॉ. सीमा मेहरा, अहम जिम्मेदारी संभाल रही हैं। मदनमहल स्टेशन की पूरी कमान ही अब महिलाएं संभालेंगी।
जिला अदालत और हाईकोर्ट
जबलपुर में हाईकोर्ट की मुख्यपीठ है। महिला जज के अलावा महिला अधिवक्ता भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने में जुटी हैं। हालांकि अभी भी पुरुषों की तुलना में महिला अधिवक्ताओं की संख्या कम है।
फैक्ट
जिला अदालत में कुल वकील-2500
महिला वकीलों की संख्या- 300
हाईकोर्ट मुख्यपीठ में कुल वकील-2200
महिला वकील-200
पुलिस विभाग
महिला थाने की कमान पुरुष निरीक्षक के हाथों में है। 36 अन्य थानों पर नजर दौड़ाएं तो सिर्फ चार थानों की कमान महिलाओं के हाथों में है। सिहोरा एसडीओपी और अजाक डीएसपी के रूप में दो महिला अधिकारी अहम जिम्मेदारी संभाल रही हैं। पुरुषों की तुलना में अभी महिलाओं की भागीदारी 12 प्रतिशत के लगभग है।
फैक्ट-
कुल पुलिस बल-3300
एसडीओपी व डीएसपी-02
महिला टीआइ-04
एसआइ, एएसआइ व आरक्षक-440

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