'व्हीलचेयर वाले पांव' से नापी सरहदों की दूरी, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी पहुँचने का बनाया अनोखा रिकॉर्ड
पंजाब के होशियारपुर की प्रतिष्ठस देवेश्वर एक कार दुर्घटना के बाद व्हीलचेयर के सहारे चलती-फिरती थीं। हाल ही ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के बाद से सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहीं हैं।

जीवन की परिस्थितियां यह तय नहीं करतीं कि हम कौन हैं और क्या बनेंगे, बल्कि उन परिस्थितियों से बाहर निकलने का जज्बा और चुनौतियों को देखने का हमारा नजरिया ही यह तय करता है कि हम क्या हैं। इसे साबित कर दिखाया है पंजाब के होशियारपुर की रहने वाली प्रतिष्ठा देवेश्वर ने। प्रतिष्ठा भारत की पहली दिव्यांग छात्रा हैं जो व्हीलचेयर पर रहते हुए लंदन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में डिग्री करेंगी। वे यहां पब्लिक पॉलिसी में स्नातकोत्तर डिग्री करेंगी। इस उपलब्धि के बाद वे लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर ट्रेंड कर रही हैं।

चुनौतियों का सामना कर पाया मुकाम
प्रतिष्ठा जब 13 साल की थीं तब एक कार दुर्घटना में उनकी रीढ़ चोटिल हो गई थी जिसके बाद वे दोबारा चल ही नहीं सकीं। करीब तीन साल बिस्तर पर और 13 साल व्हीलचेयर पर बिताने के बाद उन्हें यह मौका मिला है। उन्होनेंं 10वीं और 12वीं कक्षा भी घर पर रहते हुए पास की। इससे पहले जब 12वीं के बाद उन्होंने दिल्ली जाकर कॉलेज की पढ़ाई करनी चाही तो भी परिजनों ने दिव्यांगता का हवाला देते हुए दिल्ली आने से मना कर दिया। लेकिन अपने जज्बे से उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लिया। इतना ही नहीं वे ब्रिटिश हाई कमीशन, हिंदुस्तान यूनिलीवर और यूनाइटेड नेशंस में महिला मुद्दों पर भी अपने विचार व्यक्त कर चुकी हैं।

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