लिखावट या हस्ताक्षर में कोण का बनना तनाव और विश्लेषण की क्षमता को दर्शाता है। जिन व्यक्तियों की लिखावट जरूरत से ज्यादा कोणीय होती है उनके व्यक्तिगत संबंधों में तनाव रहता है। वे दूसरों से बात करते समय भी तनाव महसूस करते हैं। वहीं अगर किसी की लिखावट में कोण नहीं बनता है, वे किसी भी व्यक्ति का या स्थिति का विश्लेषण नहीं कर पाते हैं।
हस्ताक्षर करते समय जो व्यक्ति सरनेम भी लगाते हैं उन व्यक्तियों का अपने परिवार के साथ लगाव और अच्छे संबंध होते हैं। जो व्यक्ति सरनेम को नहीं लगाते हैं, उनकी मानसिकता में एकाकीपन होता है। हस्ताक्षर के समय व्यक्ति यदि डॉट्स लगाते हैं, तो उन्हें हर काम में किसी का साथ पसंद होता है। इसलिए वे अच्छे संबंध बनाने का प्रयास करते हैं। परन्तु ऐसे व्यक्ति कभी-कभी दूसरों पर आश्रित भी होने लगते हैं।