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संस्कारों की जीवन में महत्ती आवश्यकता

locationचेन्नईPublished: Nov 05, 2018 12:49:23 pm

Submitted by:

Ritesh Ranjan

साध्वी महाप्रज्ञा ने कहा कि जीवन में संस्कारों की आवश्यकता है। जीवन में संस्कार नहीं है तो जीवन बेकार है।

चेन्नई. अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में विराजित साध्वी महाप्रज्ञा ने कहा कि जीवन में संस्कारों की आवश्यकता है। जीवन में संस्कार नहीं है तो जीवन बेकार है। यदि घर परिवार में संस्कार नहीं होंगे तो जीवन खतरे से खाली नहीं है। संस्कारों का शंखनाद जीवन में हमेशा गुंजायमाम रहना चाहिए। संस्कारों की जीवन में महत्ती आवश्यकता है। पाश्चात्य संस्कृति का भारतीय संस्कृति में प्रवेश करने के कारण व्यक्ति अपनी संस्कृति भूलता जा रहा है।
प्रवचन के माध्यम से संस्कारों को ग्रहण करना चाहिए। भारतीय संस्कृति सर्वमान्य संस्कृति है। यदि महावीर के सिद्धांत घर परिवार संघ समाज के आचरण में आएंगे तो सर्वत्र खुशहाली का माहौल हो जाएगा। महावीर की देशना तो प्राणी मात्र के लिए है। महावीर जन जन के महावीर है।
साध्वी कुमुदलता ने घंटाकर्ण मंत्र की ऐतिहासिक चर्चा करते हुए कहा कि घंटाकर्ण वीर एक महाबल रक्षक देव है उनकी आराधना साधना मंत्र जाप करने से जीवन में अंजनी चोर का भय नहीं लगता है।

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