स्टार्टअप में अनिश्चितताओं के बावजूद परंपरागत रूप से सिलिकॉन वैली की हैसियत ग्लोबल सेंटर के रूप में बरकरार है। लेकिन 2016 और 2017 के नवाचारी रुझानों से वैश्विक स्तर पर नए हब के उभार के संकेत मिलने लगे हैं। इनमें लंदन, पेरिस, बर्लिन, बोस्टन, लॉस एंजिलिस का नाम सबसे ऊपर है। इनके अलावा सिंगापुर, तेल अवीव, बेंगलूरु, टोरंटो, शंघाई जैसे शहर भी रेस में शामिल हैं, पर इन शहरों को अभी प्रयास करने होंगे। अगर निवेशकों, उद्यमियों, को-फाउंडर्स के साथ इनक्यूबेटर्स एजेंसियों का रुख आगे भी यही रहा तो ये शहर सिलिकॉन वैली का स्थायी विकल्प बन सकते हैं।
दबदबा बरकरार
अभी तक नवाचार के मामले में सिलिकॉन वैली हब का सिक्का चलता था। एपल , गूगल, फेसबुक जैसे सफल उद्यमियों का बसेरा यहीं है। यहां के स्टार्टअप में 70त्न इंजीनियर्स और 50त्न फंडिंग अप्रवासियों की है। कुल 17 लाख से 22 लाख के बीच हाई-टेक लेबर यहां पर कार्यरत हैं। यहां के कंपनियों की बाजार पूंजी 98 लाख करोड़ रुपए की है। स्थानीय व वैश्विक समीकरणों के बीच संतुलन की वजह से अभी तक यह नंबर एक पर कायम है। लेकिन अब कई शहर इसे टक्कर देने लगे हैं। क्योंकि वहां पर न केवल निवेश की रफ्तार तेज है, बल्कि वर्किंग कल्चर भी तेजी से बदलने लगा है।
दबदबा बरकरार
अभी तक नवाचार के मामले में सिलिकॉन वैली हब का सिक्का चलता था। एपल , गूगल, फेसबुक जैसे सफल उद्यमियों का बसेरा यहीं है। यहां के स्टार्टअप में 70त्न इंजीनियर्स और 50त्न फंडिंग अप्रवासियों की है। कुल 17 लाख से 22 लाख के बीच हाई-टेक लेबर यहां पर कार्यरत हैं। यहां के कंपनियों की बाजार पूंजी 98 लाख करोड़ रुपए की है। स्थानीय व वैश्विक समीकरणों के बीच संतुलन की वजह से अभी तक यह नंबर एक पर कायम है। लेकिन अब कई शहर इसे टक्कर देने लगे हैं। क्योंकि वहां पर न केवल निवेश की रफ्तार तेज है, बल्कि वर्किंग कल्चर भी तेजी से बदलने लगा है।
क्यूं बनते जा रहे हैं नवाचार के मॉडल सेंटर
इन शहरों के युवा कारपोरेटर्स का माइंड सेट पूरी तरह से नवाचारी है। ये जाइंट कंपनियों से अलग नई तकनीक सामने लाने और रिस्क लेने में विश्वास रखते हैं। टेक्नोक्रैट और क्रिटिकल और लॉजिकल लाइक माइंडेड लोगों को तवज्जो व विभिन्न संस्कृतियों, भाषियों व जीवनशैली के लोगों के साथ एक समान प्रतिस्पद्र्धात्मक परिवेश में घुल-मिल कर काम करने की क्षमता इनका चरित्र है। यही कारण है कि स्टार्टअप के उभरते नए शहर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आने लगे हैं।
इन शहरों के युवा कारपोरेटर्स का माइंड सेट पूरी तरह से नवाचारी है। ये जाइंट कंपनियों से अलग नई तकनीक सामने लाने और रिस्क लेने में विश्वास रखते हैं। टेक्नोक्रैट और क्रिटिकल और लॉजिकल लाइक माइंडेड लोगों को तवज्जो व विभिन्न संस्कृतियों, भाषियों व जीवनशैली के लोगों के साथ एक समान प्रतिस्पद्र्धात्मक परिवेश में घुल-मिल कर काम करने की क्षमता इनका चरित्र है। यही कारण है कि स्टार्टअप के उभरते नए शहर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आने लगे हैं।
भारत को क्या करने की है जरूरत
अगर भारत की बात करें तो बेंगलूरु एकमात्र शहर है, जो इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई व हैदराबाद ने भी आगे बढ़े हैं, लेकिन इन्हें अभी लंबा सफर तय करना हैा। अगर देश के नीति नियंता चाहते हैं कि भारतीय शहर भी सिलिकॉन वैली के विकल्प बनें तो उन्हें वल्र्ड क्लास आधारभूत ढांचों, बेस्ट स्टार्टअप इकोसिस्टम, वल्र्ड क्लास वर्किंग कल्चर तैयार करना होगा। ऐसा माहौल विकसित करना हो जिसमें दुनिया के सभी भौगोलिक क्षेत्र के लोग बिना भेदभाव व असुरक्षा के काम कर सकें।
अगर भारत की बात करें तो बेंगलूरु एकमात्र शहर है, जो इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई व हैदराबाद ने भी आगे बढ़े हैं, लेकिन इन्हें अभी लंबा सफर तय करना हैा। अगर देश के नीति नियंता चाहते हैं कि भारतीय शहर भी सिलिकॉन वैली के विकल्प बनें तो उन्हें वल्र्ड क्लास आधारभूत ढांचों, बेस्ट स्टार्टअप इकोसिस्टम, वल्र्ड क्लास वर्किंग कल्चर तैयार करना होगा। ऐसा माहौल विकसित करना हो जिसमें दुनिया के सभी भौगोलिक क्षेत्र के लोग बिना भेदभाव व असुरक्षा के काम कर सकें।
नवाचार क्षेत्र के उभरते टॉप-5 ग्लोबल सिटी
लंदन…
सीबीआरई की रिपोर्ट के अनुसार बे्रक्सिट रेफरेंडम के बावजूद लंदन विशाल हब बनकर उभरा है। यहां दुनिया के कई सफल स्टार्टअप हेडक्वाटर्स हैं। ग्लोबल वर्किंग कल्चर के लिहाज से नवाचार के अनगिनत अवसर हैं। २०१६ के बाद 2017 की पहली छमाही के रुझान भी अच्छे हैं।
लंदन…
सीबीआरई की रिपोर्ट के अनुसार बे्रक्सिट रेफरेंडम के बावजूद लंदन विशाल हब बनकर उभरा है। यहां दुनिया के कई सफल स्टार्टअप हेडक्वाटर्स हैं। ग्लोबल वर्किंग कल्चर के लिहाज से नवाचार के अनगिनत अवसर हैं। २०१६ के बाद 2017 की पहली छमाही के रुझान भी अच्छे हैं।
पेरिस…
2017 में पेरिस में दुनिया का सबसे विशाल टेक इनक्यूबेटर एफ स्टेशन और स्टार्टअप वाले कैंपस की शुरूआत के बाद इसने मजबूत दावेदारी पेश की है। स्थानीय एजेंसियां इसे ग्लोबल स्टार्टअप हब बनाने के लिए काम कर रही हैं।
2017 में पेरिस में दुनिया का सबसे विशाल टेक इनक्यूबेटर एफ स्टेशन और स्टार्टअप वाले कैंपस की शुरूआत के बाद इसने मजबूत दावेदारी पेश की है। स्थानीय एजेंसियां इसे ग्लोबल स्टार्टअप हब बनाने के लिए काम कर रही हैं।
बोस्टन…
यूनियन स्क्वेयर वेंचर फ्रेड विल्सन ने इसे सेकेंड टीयर स्टार्टअप सिटी की पहचान दिलाई है। स्थानीय नवाचार, रिसर्च सेंटर, स्टार्टअप एसीलरेटर व बड़ी संख्या में कम्युनिटी इनोवेटर्स की वजह से यहां विश्व स्तरीय नवाचार तेजी से बढ़ रहा है। क्यूं बनते जा रहे हैं ये शहर नवाचार के मॉडल सेंटर इन शहरों के युवा कारपोरेटर्स का माइंड सेट पूरी तरह से नवाचारी है। ये जाइंट कंपनियों से अलग नई तकनीक सामने लाने और रिस्क लेने में विश्वास रखते हैं। टेक्नोक्रैट और क्रिटिकल और लॉजिकल लाइक माइंडेड लोगों को तवज्जो व विभिन्न संस्कृतियों, भाषियों व जीवनशैली के लोगों के साथ एक समान प्रतिस्पद्र्धात्मक परिवेश में घुल-मिल कर काम करने की क्षमता इनका चरित्र है। यही कारण है कि स्टार्टअप के उभरते नए शहर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आने लगे हैं।
यूनियन स्क्वेयर वेंचर फ्रेड विल्सन ने इसे सेकेंड टीयर स्टार्टअप सिटी की पहचान दिलाई है। स्थानीय नवाचार, रिसर्च सेंटर, स्टार्टअप एसीलरेटर व बड़ी संख्या में कम्युनिटी इनोवेटर्स की वजह से यहां विश्व स्तरीय नवाचार तेजी से बढ़ रहा है। क्यूं बनते जा रहे हैं ये शहर नवाचार के मॉडल सेंटर इन शहरों के युवा कारपोरेटर्स का माइंड सेट पूरी तरह से नवाचारी है। ये जाइंट कंपनियों से अलग नई तकनीक सामने लाने और रिस्क लेने में विश्वास रखते हैं। टेक्नोक्रैट और क्रिटिकल और लॉजिकल लाइक माइंडेड लोगों को तवज्जो व विभिन्न संस्कृतियों, भाषियों व जीवनशैली के लोगों के साथ एक समान प्रतिस्पद्र्धात्मक परिवेश में घुल-मिल कर काम करने की क्षमता इनका चरित्र है। यही कारण है कि स्टार्टअप के उभरते नए शहर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आने लगे हैं।
लॉस एंजिलिस…
सीबी इनसाइट की रिपोर्ट की मानें तो सोशल मैसेजिंग एप स्नैप सहित अन्य स्टार्टअप ने आईपीओ के जरिए करीब दो अरब रुपए का निवेश हासिल करने में इस शहर ने सफलता हासिल की है। उच्च शिक्षा, बेहतर मौसम, ग्लोबल कल्चर के लिहाज से दुनियाभर के लोगों के लिए यह मुफीद स्थान है।
सीबी इनसाइट की रिपोर्ट की मानें तो सोशल मैसेजिंग एप स्नैप सहित अन्य स्टार्टअप ने आईपीओ के जरिए करीब दो अरब रुपए का निवेश हासिल करने में इस शहर ने सफलता हासिल की है। उच्च शिक्षा, बेहतर मौसम, ग्लोबल कल्चर के लिहाज से दुनियाभर के लोगों के लिए यह मुफीद स्थान है।
बर्लिन…
टेक प्रोफेशनल्स के लिए यह शहर पहली पसंद बनता जा रहा है। हाल ही में बर्लिन आधारित पीरियड ट्रैकिंग एप ने करीब 1,309 करोड़ रुपए का निवेश हासिल करने में सफलता हासिल की है। यूरोप में सबसे ज्यादा वेंचर कैपिटल निवेश यहीं होता है। स्टार्टअप डिलिवरी हीरो व साउंडक्लाउड जैसे कई स्टार्टअप यहीं से दुनियाभर में अपने कारोबार का संचालन करते हैं। सिलिकॉन वैली व लंदन की तुलना में 40त्न कम खर्चीला है। यहां के निवेशक और उद्यमी रिस्क लेने में विश्वास रखते हैं। टैलेंट पूल भी विशाल है।
टेक प्रोफेशनल्स के लिए यह शहर पहली पसंद बनता जा रहा है। हाल ही में बर्लिन आधारित पीरियड ट्रैकिंग एप ने करीब 1,309 करोड़ रुपए का निवेश हासिल करने में सफलता हासिल की है। यूरोप में सबसे ज्यादा वेंचर कैपिटल निवेश यहीं होता है। स्टार्टअप डिलिवरी हीरो व साउंडक्लाउड जैसे कई स्टार्टअप यहीं से दुनियाभर में अपने कारोबार का संचालन करते हैं। सिलिकॉन वैली व लंदन की तुलना में 40त्न कम खर्चीला है। यहां के निवेशक और उद्यमी रिस्क लेने में विश्वास रखते हैं। टैलेंट पूल भी विशाल है।