झालावाड़

स्मार्ट सिटी का मामला ठंडे बस्ते में

सरकार बदलने का असर : बारां रोड पर चिह्नित अतिक्रमणों को हटाना सबसे बड़ी चुनौती

झालावाड़Dec 19, 2018 / 09:16 pm

arun tripathi

अतिक्रमणों को हटाना सबसे बड़ी चुनौती

खानपुर. प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही कस्बे को ३२ करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी बनाने का मामला फिलहाल ठण्डे बस्ते में चला गया है। प्रमुख मार्गों पर निर्माण विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाया जाना था, लेकिन चुनावों को नजदीक देख सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने अतिक्रमण का मामला चुनाव होने तक टाल दिया।
अब चुनाव के बाद सरकार ही बदलने से स्मार्ट सिटी का मामला अटक सा गया है। निर्माण विभाग द्वारा बारां रोड पर चिह्नित किए अतिक्रमणों को तोड़कर नाली निर्माण होना सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में विभाग द्वारा सड़क निर्माण के २ माह बाद भी नाली का निर्माण नहीं किया जा रहा है। पिछले ५ माह से सरकार, प्रशासन व पंचायत ने आमजन को अतिक्रमण के नाम पर गुमराह किया। अब भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हंै। अब निर्माण कार्यों पर विभाग की मॉनीटरिंग है और न ही सरकारी स्तर पर निर्माण कार्यों के संबंध में कोई दिशा निर्देश। निर्माण विभाग ने ६ माह पूर्व झालावाड़ रोड पर समूचे नालों का ढकान हटाकर नालों को खुलाकर छोड़ दिया। नालों का निर्माण शुरू नहीं होने से दुकानदार व नागरिक परेशान हैं।
ये होने थे खानपुरकस्बे में निर्माण कार्य
कस्बे में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर निर्माण होने थे, अब तक एक भी निर्माण पूरा नहीं हुआ। जबकि राज्य सरकार द्वारा सभी निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए ३० सितम्बर की अवधि तय की थी। स्मार्ट सिटी के तहत बारां रोड पर स्टेट बैंक तिराहे से अटरू तिराहे तक ६.७५ करोड़ की लागत से सीसी सड़क मय नाला, ८ करोड़ की लागत से ड्रेनेज सिस्टम, ७ करोड़ की लागत से अटरू रोड, पुराना बस स्टैण्ड, चांदखेड़ी रोड, वाया अटरू रोड, पंचायत समिति होकर अस्पताल रोड, रूपली नदी पर २ पुलियाओं का निर्माण तथा सारोला रोड पर बायपास से लेकर झालावाड रोड यादव समाज रोड तक इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण शामिल था। इसके अलावा ६० लाख की लागत से बस स्टैण्ड व ७४ लाख की लागत से मेगा हाइवे से मुक्तिधाम तक सीसी रोड का निर्माण शामिल था। निर्माण विभाग की पीपीपी सेल द्वारा सारोला रोड पर सीसी सड़क व शेष बची सड़क में झालावाड रोड तक इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण होना था, लेकिन पीसीसी कराकर निर्माण कार्य को बीच में ही बन्द कर दिया।
समूचे अधिकारियों के स्थानांतरण
कस्बे में स्मार्ट सिटी को लेकर समूचे अधिकारियों का स्थानान्तरण हो चुका है। इसमे खानपुर पटवारी से उपखंड अधिकारी तक शामिल हैं। यहां स्मार्ट सिटी के दौरान कार्यरत उपखंड अधिकारी बीआर विश्नोई, तहसीलदार शिवदयाल वर्मा, निर्माण विभाग के अधिशासी एके साहू, सहायक अभियंता एचएल अग्रवाल, पटवारी अकील हुसैन सहित समूचे प्रशासनिक अधिकारियों का स्थानांतरण हो चुका है। ऐसे में स्मार्ट सिटी का मामला अब और उलझन भरा नजर आ रहा है।
–पिछले माह ही चार्ज लिया है। फिलहाल अधिक जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर स्वीकृत निर्माण कार्यों को प्रारंभ करने के प्रयास किए जा रहे हंै।
कमल कुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी
–विभाग द्वारा जितनी राशि विभागों को जमा कराई थी, उतने पोल शिफ्टिंग हो चुके हंै। सड़कों पर आ रहे पोलों को दिखाया जाएगा।
मनोज कुमार गुप्ता, सहायक अभियंता
टैक्स देने के बावजूद व्यापारियों को नहीं मिलती पर्याप्त सुरक्षा
झालरापाटन ञ्च पत्रिका. व्यापार संघ और अन्य व्यापारिक संगठनों के तत्वावधान में अकलेरा में व्यापारियों के साथ पिछले दिनों हुई घटना के विरोध में व्यापारियों ने तहसील कार्यालय पर नारेबाजी और प्रदर्शन कर दोषी जनों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की। संगठनों के आह्वान पर व्यापारी सुबह १० बजे चौपडिय़ा बाजार में एकत्र हुए, यहां से कपड़ा व्यापार संघ अध्यक्ष योगेश झडिय़ा, चेंबर ऑफ कॉमर्स एसोसिएशन अनूप शौरी, राकेश जैन, पार्षद यशोवर्धन बाकलीवाल, भाजपा नेता धर्मेन्द्र सेठी, खाद्य और तिलहन व्यापार संघ पूर्व अध्यक्ष अशोक चांदवाड़, अशोक मेहता, सर्राफा संघ के सुरेश मेहता की अगुवाई में बाइक रैली के रूप में मुख्य बाजार से होते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे। जहां व्यापारियों ने रोष जताया। व्यापार संघ अध्यक्ष विजय मेहता, उपाध्यक्ष विजय मूंदडा, सचिव चेतन नामदेव, अंशु गुप्ता, समकित जैन ने बताया कि व्यापारी वर्ग सरकार को टैक्स के रूप में मोटी रकम देता है, इसके बावजूद सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। आए दिन व्यापारियों के साथ वारदातें होती हैं। बाद में तहसीलदार योगेश अग्रवाल व शहर थाना प्रभारी जगदीश प्रसाद को राज्य सरकार के नाम का ज्ञापन सौंपा।
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