अगरबत्ती पूजा-प्राथना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। हिंदु हो या मुसलमान या ईसाई सभी अपने अपने धर्म के हिसाब से ऊपरवाले को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। पूजा में अगरबत्ती जलाना बेहद कॉमन है। खुशबूदार अगरबत्ती जलाकर हम अपने वातावरण को खुशगवार बनाते हैं । लेकिन भगवान को खुश करने के लिए जलाई जाने वाली इस अगरबत्ती से आपका घर कुछ समय के लिए खुशबू से लबरेज हो जाएगा।लेकिन अगरबत्ती का ये धुआं आपके फेफड़ों के लिए बेहद खतरनाक है।
अगरबत्ती के धुएं के फेफड़े में जम जाने से कैंसर तक हो सकता है। अगरबत्ती को बनाने में केमिकल्स का इस्तेमाल होता है।यही वजह है कि इसके धुएं को सूंघने से डीएऩए तक बदल जाता है।
अगरबत्ती के धुएं से आंखों में जलन होने लगती है । कई बार स्किन प्रॉब्लम की मुख्य वजह, खुशबूदार धुआं पाया गया है। जिन घरों में रेगुलर अगरबत्ती जलाई जाती है, वहां रहने वालों के दिमाग की नसों पर इस धुएं का बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसके चलते उन्हें माइग्रेन होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
मोमबत्ती अगरबत्ती की तरह ही मोमबत्ती भी हमारी सेहत के लिए अभिशाप है।अरोमा मोमबत्ती का चलन तेजी से बढ़ रहा है।इस प्रकार की मोमबत्ती में कई स्ट्रांग केमिकल्स का इस्तेमाल होता है।कैंडल्स की पैराफीन वैक्स में एसीटोन,जाइलिन, कैरेसोल और ब्लोरेबेंजीन जैसे खतरनाक टॉक्सिन होते हैं । जिनसे आपको कई प्रकार की एलर्जी और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती है।
कैडल्स के जलाने पर एक अजीब सी महक आती है, और ये महक आपके फेफड़ों में जलन और सांस लेने में दिक्कत दे सकती है।