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दलेर मेहंदी के नाम के पीछे की कहानी सुनकर उड़ जाएंगे होश

दलेर मेहंदी अपने शोज़ के बहाने लोगों को अपने साथ ले जाते थे और बाद में वो उन लोगों को वहीं छोड़कर आ जाते थे ।

नई दिल्लीMar 16, 2018 / 03:31 pm

Navyavesh Navrahi

नई दिल्ली : अपने हाई टोन पार्टी एंथम के लिए मशहूर दलेर मेहंदी को आज 15 साल पुराने ‘कबूतरबाजी’ मामले में 2 साल की सजा सुनाई गई । हालांकि 5 साल से कम की सजा होने के कारण उन्हें तुरंत बेल भी मिल गई । दलेर मेहंदी के गाने जितने अतरंगी होते हैं उनके नाम के पीछे की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है।
इस तरह मिला नाम

दरअसल दलेर मेहंदी का असली नाम दलेर सिंह है लेकिन उन्हें दलेर मेहंदी के नाम से पहचान मिली। दलेर के नाम के दोनो शब्द एक कहानी कहते हैं । हुआ यूं कि जब दलेर का जन्म हुआ उस वक्त एक नामी डाकू हुआ करता था ‘दलेर सिंह’ । उनके पिताजी ने उसी डाकू के नाम पर उनका नाम ‘दलेर सिंह’ रख दिया, लेकिन बाद में इनके मता-पिता ने उसी दौर के बड़े सिंगर परवेज मेहंदी से प्रभावित होकर इनके नाम से सिंह हटाकर मेहंदी लगा दिया। और इस तरह दलेर को अपना अनोखा नाम दलेर मेहंदी मिला ।
छोटी उम्र में छोड़ दिया था घर

दलेर का संगीत के प्रति ऐसा रूझान था कि उन्होने संगीत सीखने के लिए महज 11 साल की उम्र में घर छोड़ दिया। दलेर ने उस्ताद राहत अली खां साहब से संगीत सीखने के लिए घर छोड़ा और एक साल तक उन्ही के साथ रहकर संगीत की शिक्षा-दीक्षा ली ।
बताया जाता है कि दलेर मेहंदी अपने शोज़ के बहाने लोगों को अपने साथ ले जाते थे और बाद में वो उन लोगों को वहीं छोड़कर आ जाते थे । इसी तरह के एक मामले में बख्शीश सिंह नाम के शख्स ने शमशेर मेहंदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी । पूछताछ में दलेर का नाम सामने आने पर इनके खिलाफ भी केस हुआ । 2003 में दर्ज हुए इसी मामले में आज पंजाब की पटियाला कोर्ट ने गायक दरेर मेहंदी को सजा सुनाई है।

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