success story पैरों से लिखकर बीएससी तक की परीक्षा पास की और प्रतियोगी परीक्षा पास कर बना कृषि पर्यवेक्षक
पैरों से लिखी सफलता की इबारत अब कृत्रिम हाथों से जीवन में लौटी नई खुशियां
जयपुर। सीकर जिले के श्यामपुरा खाचरियावास गांव के दिव्यांग भरत सिंह शेखावत के जीवन में अब फिर खुशियां लौटी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर 24 वर्षीय भरत सिंह को शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के जरिए उसके कृत्रिम हाथ निःशुल्क लगवाए गए। भरत ने करीब 7 वर्ष की उम्र में बिजली के करंट के कारण अपने दोनों हाथ खो दिए थे। इस हादसे से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और भरत के माता-पिता को उसके भविष्य की चिंता सताने लगी। भरत ने हिम्मत नहीं हारी और न केवल बीएससी तक की शिक्षा हासिल की, बल्कि प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल कर राजस्थान सरकार में कृषि पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। भरत ने बताया कि पिछले दिनों उसके दोस्त राधे मीणा ने मुख्यमंत्री निवास पर मदद के लिए गुहार लगाने की सलाह दी। भरत ने ऐसा ही किया और गहलोत ने तत्काल प्रभाव से भरत के दोनों कृत्रिम हाथ लगाए जाने के निर्देश दिए। उसने बताया कि तमाम विपत्तियों के बावजूद भरत की माता ने उसे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया और इस प्रेरणा से पैरों से लिखना शुरू किया। भरत का कहना है कि कृत्रिम हाथों से अब जीवन में नई खुशियां लौट आई हैं। मुख्यमंत्री की इस सहायता से भरत को बड़ा संबल मिला है। इससे वह न केवल अपने दैनिक कार्यों को आसानी से कर सकेगा, बल्कि राजकीय दायित्वों का निर्वहन भी सुगमता से कर पाएगा।
पहले भी की मदद गौरतलब है कि पिछले दिनों भी मुख्यमंत्री ने उदयपुर जिले के ग्राम कागदर निवासी दिव्यांग पंकज मीणा को तत्काल प्रभाव से राहत दी थी। सीएम ने पंकज के कृत्रिम हाथ लगवाए थे। पंकज ने भी बचपन में खेत में बिजली के तारों से करंट लगने के कारण दोनों हाथ खो दिए थे। वह 19 जुलाई को मदद की आस लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचा था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 20 जुलाई को ही पंकज के दोनों कृत्रिम हाथ लगवाए गए थे।