scriptएससी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक अपील के 1.79 लंबित मामलों पर जताई हैरानी | Supreme court shocked to see criminal pendency in high court | Patrika News

एससी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक अपील के 1.79 लंबित मामलों पर जताई हैरानी

Published: Jan 08, 2018 05:26:31 pm

Submitted by:

Dhirendra

सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने इस बात पर हैरानी जताई है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में 1976 से ही 1.79 आपराधिक मामले लंबित हैं।

Supreme court shocked to see criminal pendency in high court

supreme court

1714 याचिकाएं कैदियों की
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां पर 1.79 लाख आपराधिक अपील के मामले लंबित हैं। इनमें से 1714 यचिकाएं विचाराधीन कैदियों की हैं। इनमें से कुछ अपीलों की सुनवाई होने में 10 से 15 साल लगे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पिछले वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत पिछले वर्ष की थी। ताकि लंबे अरसे लंबित अपीलों पर कम से कम समय में सुनवाई पूरी हो सके। साथ ही मार्च, 2017 में इलाहााबाद हाईकोर्ट से इस बाबत एक विस्तृत रिपोर्ट भी देने को कहा था।
71,474 मामले एमपी में लंबित
गैर सरकारी संगठन लॉयर्स फार जस्टिस की तरफ से दायर एक जनहित याचिका को गंभीरता से लेते हुए भी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से सुप्रीम कोर्ट ने लंबित अपीलों के बाबत जानकारी मांगी थी। यहां से मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां पर 1994 से लेकर अब तक अपील से संबंधित 71,474 आपराधिक मामले लंबित हैं।
मद्रास और आंध्र की स्थिति बेहतर
व्यक्तिगत मामले दोनों प्रदेशों के उच्च न्यायालयों से रिपोर्ट मिलने के बाद न्यायाधीश जे चेलमेश्वर और संजय किशन कौल की पीठ ने इस स्थिति को खतरनाक करार दिया है। पीठ ने कहा है कि इस विकट स्थिति से पार पाने के लिए कुछ करना पड़ेगा। तत्काल यह नहीं कहा जा सकता है कि हम क्या कर सकते हैं लेकिन यह बहुत ही गंभीर मसला है। हालांकि दो से तीन दशकों में पीठ ने इनमें से कुछ की सुनवाई की भी है। इस मामले में मद्रास और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की स्थिति बेहतर है। वर्तमान में पीठ दो मामलों की सुनवाई भी कर रही है। इनमें एक हत्या के आरोपी रामू ने अपने वकील के माध्यम से जमानत की मांग की है। दूसरे मामले एनजीओ लॉयर्स फार जस्टिस के एक मुवक्किल से जुड़ा है। ये व्यक्तिगत याचिकाएं 12 साल से उच्च न्यायालयों में लंबित हैं।
एमिकस क्यूरी नियुक्त
अदालत ने इन मामलों में सहायता के लिए वरिष्ठ वकील एमएन राव को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। इसकी आवश्यकता वरिष्ठ वकील और एमिकस क्यूरी सीयू सिंह और श्याम दीवान ने जताई थी। एनजीओ के वकील नवीन प्रकाश ने बताया कि उनके मुवक्किल की सजा पूरी हो गई है। इसके बाद भी उसकी अपील लंबित है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो