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ललितगेट में घिरी सुषमा ने बॉलीवुड को दिलाई थी अंडरवर्ल्ड से मुक्ति

Published: Jul 22, 2015 12:41:00 pm

 उन्होंने सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर विरोधस्वरूप सिर मूंडाने और सफेद साड़ी पहनने की धमकी दे डाली थी

sushma swaraj

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नई दिल्ली। केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को ट्रेवल डॉक्यूमेंट दिलाने में मदद करने के चलते विवादों से घिरी हैं, बावजूद इसके उन्होंने खुद विपक्ष के सवालों का जवाब देने का निर्णय लिया है। भारतीय जनता पार्टी की तेजतर्रार और प्रखर नेताऔं में शुमार सुषमा नरेन्द्र मोदी मंत्रीमंडल में शामिल सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक है। वह चौथी बार लोकसभा सांसद में रूप में चुनी गई है और यूपीए-2 के कार्यकाल में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थी।



विदेश मंत्री बनने वाली दूसरी महिला
हरियाणा के अंबाला में जन्मी 63 वर्षीय सुषमा भारत की केवल दूसरी महिला है जिन्हें विदेश मंत्रालय मिला है। उनसे पहले इस पद रहने वाली अन्य महिला पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। उनके पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख नेता थे। इसी के चलते उनका रूझान भी संघ परिवार की ओर बढ़ा। कॉलेज के दिनों में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़ गई और यहीं से धीरे-धीरे राजनीति की ओर मुड़ गई। 1977 में वे 25 साल की उम्र मे हरियाणा सरकार में केबिनेट मंत्री चुनी गई और सबसे कम उम्र में काबिना मंत्री बनने का रिकॉर्ड आज भी उनके नाम है।



23 साल की उम्र में शादी, वकील पति रह चुके हैं राज्यपाल
27 साल की उम्र में वे जनता पार्टी की हरियाणा राज्य की अध्यक्ष बन गई। 23 साल की उम्र में 1975 में उन्होंने मशहूर वकील स्वराज कौशल से शादी की। स्वराज कौशल भी कॉलेज के दिनों में राजनीति से जुड़े हुए थे और जॉर्ज फर्नाडिस की विचारधारा से प्रभावित थे। 1975 में सुषमा और स्वराज कौशल फर्नाडिस की लीगल टीम के सदस्य थे। कौशल बाद में सांसद भी रहे और मिजोरम के राज्यपाल भी रहे। वे सबसे कम उम्र के राज्यपालों में शुमार है। दोनों की एक बेटी है बांसुरी और वह भी वकील है।



देश की पहली महिला प्रवक्ता
सुषमा भाजपा की शुरूआती महिला नेताओं में से एक है। इसी के चलते वे भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री, पहली महिला केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, महासचिव, प्रवक्ता, नेता प्रतिपक्ष और विदेश मंत्री बनी। वे भारतीय राजनीति में किसी भी राष्ट्रीय पार्टी की प्रवक्ता बनने वाली पहली नेता हैं। 1998 में वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रही। इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केबिनेट मंत्री के रूप में रही।



चार राज्यों से लड़े 11 चुनाव
सुषमा ने चार राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश से 11 संसदीय चुनाव लड़े और पिछले 30 साल से विधायिका में है। इस दौरान वह लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव में हारी। उन्होंने 1999 में कर्नाटक की बेल्लारी सीट से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें 55 हजार मतों से हार झेलनी पड़ी थी। 2004 में कांग्रेस के केन्द्र की सत्ता में आने पर उन्होंने सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर विरोधस्वरूप सिर मूंडाने और सफेद साड़ी पहनने की धमकी दे डाली थी।


फिल्मों को दिलाई अंडरवर्ल्ड से निजात
वाजपेयी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहते हुए स्वराज ने लोकसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण शुरू कराया। इसके बाद दूसरे कार्यकाल में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को उद्योग का दर्जा दिया जिससे फिल्मों के लिए बैंकों से लोन मिलने लगा। इससे पहले फिल्मों में अंडरवर्ल्ड का पैसा लगता था और फिल्म निर्माताओं को भारी ब्याज चुकाना पड़ता था।

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