सीएम पलनीस्वामी ने कहा, करुणानिधि खुद स्टालिन को नहीं मानते थे। अपने पिछले दो वर्षों के दौरान जब वह बीमार थे, उन्होंने स्टालिन को पार्टी नहीं सौंपी। उसे अपने बेटे पर भरोसा नहीं था। ऐसे में लोग उस पर विश्वास कैसे करेंगे? 1969 में डीएमके के संस्थापक सी. एन अन्नादुरै की मृत्यु के बाद जब सभी को उम्मीद थी कि ‘नवलार’ नेदुचेझियान मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन स्टालिन के पिता करुणानिधि शॉर्ट-कट से मुख्यमंत्री बन गए।
वहीं डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन कई बैठकों और चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत को लेकर सवाल उठाया है। आगामी विभानसभा चुनाव में डीएमके और उसके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एआईएडीएमके के बीच की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत को लेकर तल्खी बढ़ गई है।
DMK का आरोप है कि राज्य सरकार जयललिता की ‘रहस्यमयी’ मौत के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। स्टालिन ने पहली बार इस मुद्दे को उठाया था और कहा था कि एआईएडीएमके नेतृत्व और इसकी सरकार ने जयललिता की मौत की उचित जांच नहीं की है। स्टालिन ने कहा था कि डीएमके के सत्ता में आने के बाद उनकी मौत की वजह बनी परिस्थितियों की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।