सूप से लेकर ब्यूटी उत्पाद बनाने में प्रयोग: वैश्विक बाजार में शार्क के पंख सबसे अधिक मांग वाले उत्पाद हैं। इनका उपयोग ज्यादातर ‘शार्क फिन सूप’ तैयार करने के लिए किया जाता है। शार्क के मांस का उपयोग भोजन के रूप में होता है और त्वचा का इस्तेमाल चमड़े के लिए, लिवर ऑयल का प्रयोग ऑइन्टमेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और विटामिन ए के स्रोत के रूप में होता है। दवाओं के लिए कॉन्ड्रोइटिन सल्फेट एक्सट्रेक्शन में कार्टिलेज का इस्तेमाल किया जाता है। छोटी-छोटी चीजें बनाने के लिए जबड़े और दांतों का प्रयोग होता है।
पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए आवश्यक: जब्त किए गए उत्पाद सिंगापुर, हांग कांग, श्रीलंका और चीन ले जाए जा रहे थे। शार्क, समुद्र में शीर्ष शिकारी है, जो विभिन्न प्रकार की प्रजातियों का शिकार करती हैं। ये पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। लेकिन अत्यधिक मछली पकड़ने और कम जन्म दर के कारण अधिकांश अन्य कशेरुकी जीवों की तुलना में इनकी विलुप्ति का खतरा अधिक है। भारत में रिपोर्ट की गई 160 शार्क प्रजातियों में से केवल 26 शार्क और रे को संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत उच्चतम संरक्षण का दर्जा दिया गया है।
अवैध व्यापार से शार्क के लिए बढ़ता खतरा: शार्क संबंधी अवैध व्यापार न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर इस जीव के लिए गंभीर खतरा है। परमिट पर प्रासंगिक प्रजातियों की गलत घोषणा करना दुनियाभर में अवैध रूप से शार्क के व्यापार के मुख्य तरीकों में से एक है। अपर्याप्त निगरानी तंत्र होने पर कानूनी और अवैध व्यापार के बीच अंतर करना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
2010-2022 तक शार्क के अंगों का अवैध व्यापार