जोधपुर

मार्गशीर्ष मास में बदल गई ठाकुरजी की दिनचर्या

मार्गशीर्ष मास माना जाता है भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप
पुष्टीमार्गीय मंदिरों में मंगला व शयन आरती के समय में बदलाव

जोधपुरNov 22, 2021 / 12:33 pm

Nandkishor Sharma

मार्गशीर्ष मास में बदल गई ठाकुरजी की दिनचर्या

जोधपुर. कार्तिक मास के समापन के साथ ही मार्गशीर्ष मास में शहर के कृष्ण मंदिरों व पुष्टीमार्गीय परम्परा के मंदिरों में ठाकुरजी की दिनचर्या में बदलाव किया गया है। मंदिरों में मंगला और शयन आरती के समय में बदलाव किया गया है। देवस्थान प्रबंधित व नियंत्रित मंदिरों सहित पुष्टीमार्गीय मंदिरों में की जाने वाली ठाकुरजी की नियमित सेवा के साथ ठाकुरजी के भोग, शृंगार, पोशाक तथा दर्शन के समय में आंशिक परिवर्तन किया गया है। कटला बाजार स्थित कुंज बिहारी मंदिर में नियमित भोग में बदलाव के साथ ठाकुरजी को मखमली रजाई फुलगर, गरम मोजे एवं ऊनी पोशाक धारण कराई जाने लगी है। भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माने जाने वाले मार्गशीर्ष मास का समापन 19 दिसंबर को होगा। श्रीमद भागवत के अनुसार सभी माह में मार्गशीर्ष को श्रीकृष्ण का ही स्वरूप बताया गया है। मार्गशीर्ष मास में श्रद्धा और भक्ति से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष मास वर्ष का नौंवा माह होता है। प्रत्येक चंद्रमास का नाम उसके नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है। मार्गशीर्ष माह में मृगशिरा नक्षत्र होता है इसलिए इसे मार्गशीर्ष कहा जाता है। शास्त्रों में भी इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप तथा पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है।
इसी माह में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था उपदेश

मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में धनुर्धारी अर्जुन को गीता का उपदेश सुनाया था। इस माह में गीता का दान भी शुभ माना जाता है। ज्योतिष अनीष व्यास और पंडित नीलेश शास्त्री के अनुसार यह मास शरद ऋ तु का दूसरा मास माना जाता है। ठाकुरजी को सर्दी से बचाव के लिए मंदिरों में ठाकुरजी के मंगला व शयन के समय में बदलाव किया जाता है। इस मास में भगवान विष्णु के स्वरूप कृष्ण के विशेष पूजन की परंपरा है।
मार्गशीर्ष मास के प्रमुख व्रत और त्योहार
23 नवंबर – गणाधिप संकष्टी गणेश चतुर्थी

27 नवंबर -कालभैरव जयंती
30 नवंबर – उत्पन्ना एकादशी

02 दिसंबर – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
04 दिसंबर – अमावस्या तिथि, सूर्य ग्रहण
05 दिसंबर – मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा, हेमंत ऋतु, चंद्र दर्शन
07 दिसंबर – मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी, विनायक चतुर्थी

08 दिसंबर – विवाह पंचमी
09 दिसंबर – स्कंद षष्टी

11 दिसंबर – मासिक दुर्गाष्टमी व्रत
14 दिसंबर – मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती
15 दिसंबर – मतस्य द्वादशी
16 दिसंबर – अनंग त्रयोदशी व्रत, प्रदोष व्रत , धनु संक्रांति

18 दिसंबर-रोहिणी व्रत, पूर्णिमा व्रत, दत्तात्रेय जयंती
19 दिसंबर – अन्नपूर्णा जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा, त्रिपुर भैरवी जयंती
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