हालांकि कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों में पर्यटकों की आवाजाही कम हुई है, लेकिन यह रिपोर्ट अब तक के अध्ययन के आधार पर तैयार की गई है। कुछ शहरों में पर्यटकों की बढ़ती भीड़ के कारण प्रबंधन ही चौपट हो गया और स्थानीय जरूरतों के संसाधन कम होने लगे। जैसे एम्सटर्डम, बार्सिलोना, पेरिस, प्राग, रोम, सैन फ्रांसिस्को, स्टॉकहोम और टोरंटो व वैंकुअर। रिपोर्ट में इन शहरों के पर्यटन विकास और शहरी तैयारियों का जिक्र है तो पर्यटकों के दबाव के चलते स्थानीय लोगों के जीवन में बढऩे वाले तनाव की भी चर्चा की गई है। जेएलएल के विश्व प्रमुख लौरो फेरोनी कहते हैं कि पहले से व्यस्त एम्सटर्डम और मेड्रिड जैसे शहरों को पर्यटन के बारे में विभिन्न दृष्टिकोण से देखना होगा।
इस तरह किया शोध
डाउनिंग और उभरते शहरों में आमतौर पर पर्यटन नीति के लिए कम उन्नत दृष्टिकोण होता है। इनकी आर्थिक योजनाओं में पर्यटन को विशेष महत्व नहीं दिया जाता है। शोध में पर्यटन के बढ़ते दबाव का आकलन पर्यटन उद्योग और पॉलिसी मेकर्स के आंकड़े और जानकारियों से निकाला गया है।