कहां है ये कॉलेज
इस इंस्टीट्यूट में बड़े-बड़े वर्कस्टेशन हैं, 24 घंटे चलने वाला कैफे है, गेम जोन और पूल भी है। खास बात ये है कि इसके साथ आपको स्टार्टअप आइडियाज पर बात करते युवा दिखई देते हैं। पहली नजर में ये किसी टेक कंपनी का ऑफिस लगता है, पर ऐसा नहीं है। दरअसल ये उटा यूनिवर्सिटी का लैसोंड इइंस्टीट्यूट ऑफ एंत्रप्रेन्योरशिप है जो पूरी तरह से एंत्रप्रेन्योरशिप को समर्पित है। इस रेजीडेंशियल कॉलेज में स्टूडेंट पूरा समय स्टार्टअप आइडिया पर बात करते हैं, उसी के बारे में सीखते हैं। इसका नाम लैसोंड स्टूडियो है। यह लैसोंड आंत्रप्रेन्योरशिप इंस्टीट्यूट का मुख्यालय भी है और अमरीका में स्थित है।
162 करोड़ डोनेट करने वाले बिजनेसमैन लैसोंड के नाम पर है इंस्टीट्यूट
इंस्टीट्यूशन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ट्रॉय डी एम्ब्रोसियो के अनुसार, इंस्टीट्यूट और प्रोग्राम का नाम कनाडा के बिजनेसमैन पियरे लैसोंड के नाम पर रखा गया है। उन्होंने उटा यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था। इस इंस्टीट्यूट को उन्होंने 162 करोड़ डॉलर दान में दिए थे। 300 करोड़ रुपए से बने कैम्पस में पहला बैच अगस्त 2016 में आया था। इसके लिए 1400 स्टूडेंट ने अपने आइडिया फेसबुक पेज भेजे थे, पर एडमिशन सिर्फ 400 को मिल सका
यहीं रहते हैं स्टूडेंट
एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ट्रॉय डी एम्ब्रोसियो के अनुसार, ‘400 स्टूडेंट यहां रहते हैं, खाना खाते हैं, सोते हैं और पूरा समय दिमाग को प्रेरित करते रहते हैं कि वो कुछ नया सोचें। इस कैम्पस को ऐसे लोगों के लिए ही बनाया गया है जिनमें उद्यमशीलता की ललक है। उनके अनुसार जिंदगी में मोटिवेशन चाहिए तो आसपास के लोग भी वैसे ही होने जरूरी हैं। यहां बिल्कुल वैसा ही माहौल बनाया गया है।
किसी भी समय आ सकता है आइडिया
एम्ब्रोसियो के मुताबिक कॉलेज बिल्डिंग में सारी सुविधाएं हैं, इसलिए आपका ध्यान सिर्फ इनोवेशन और क्रिएशन पर रहता है। किसी को समस्या हो तो वह बाकी लोगों से मदद ले सकता है। रिलैक्स होने के लिए गेमिंग जोन है। बाइक राइडिंग पर भी जा सकते हैं। 24 घंटे चलने वाला कैफे है, क्योंकि आइडिया तो किसी भी समय आ सकता है। पहले फ्लोर पर 20 रूम स्टूडेंट की शुरू किए गए बिजनेस के लिए हैं। वह बताते हैं, ‘हम इस संस्थान को खुला रखना चाहते हैं। यहां पर 24 घंटे कोई भी स्टूडेंट आ सकता है। फिलहाल यहां फ्रैशर से लेकर डॉक्टरेट करने वाले कैंडिडेट्स हैं।’